तो इस तरह पहुंच रही है आप तक कोविड की वैक्सीन

सटीक प्लानिंग और टीम वर्क से मिल रही है कोविड
टीकाकरण महाअभियान को सफलता
शहडोल। जिले में चल रहे कोविड टीकाकरण के प्रभारी डॉ अंशुमान सोनारे और नोडल ऑफिसर डॉ पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि हम ने अपने मार्गदर्शक मंडल और निगरानी समिति के अनुसार कार्य किया और स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त निर्देश के परिपालन हेतु अपनेअधीनस्थ लोगो और कर्मचारियों को यथोचित कार्य करने के लिए प्रेरित किया जिसका परिणाम है कि आज हम कोविड टीकाकरण में पूरे प्रदेश में रिकॉर्ड बना चुके है।
स्वास्थ्य विभाग देता का टारगेट
स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा जिले को दिए गए टारगेट के अनुसार ही प्रत्येक टीकाकरण केंद्र का टारगेट तय किया जाता है और इसी तय टारगेट के अनुसार वैक्सीन प्रत्येक केंद्र तक पहुंचे जाती है। कोविड की वैक्सीन, वैक्सीन वाहन के द्वारा जिले के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बने कोल्ड चेन होल्डर तक पहुंचे जाती है। चाहे वह सेण्टर जिला मुख्यालय से कितना भी दूर हो, हर हालत में इसे टीकाकरण होने वाले दिन और नियत समय से पहले कोल्ड चेन होल्डर तक पंहुचा दिया जाता है। जहाँ से यह कोल्ड बॉक्स के द्वारा प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पहुँचती है। केंद्र के निर्धारित टारगेट के अनुसार वैक्सीन और सिरिंज दोनों ही निस्किट मात्रा मे उपलब्ध कराये जाते है ,जहाँ से खाली वैक्सीन की शीशी भी प्रत्येक केंद्र से वापस लाकर जमा करना केंद्र में कार्यरत एएनएम नर्स की जिम्मेदारी होती है। खुलने के बाद एक वैक्सीन की कुल आयु 4 घंटे की होती है इसके बाद वह उपयोग नहीं की जाती है। प्रत्येक वैक्सीन से 10 लोगो का टीकाकरण किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात की आज तक जिले में एक भी वैक्सीन की डोज़ बर्बाद नहीं हुई है।
निगरानी दल का कार्य
कोविड टीकाकरण में सबसे महत्वपूर्ण कार्य निगरानी दल का होता है क्योकि इन्ही के प्रयासों से सभी केंद्रों में टीकाकरण की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी होती है। अभी तक के अभियान का सफलता में अहम योगदान देने वाले इस टीम में निवर्तमान कलेक्टर डॉ.सत्येंद्र सिंह एवं वर्तमान कलेक्टर वंदना वैद्य, पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी, सीईओ जिला पंचायत, सीईओ जनपद पंचायत,एडीएम, तहसीलदार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डीपीएम जिला कार्यक्रम प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, डीपीसी, बीएमओ, बीसीएम, टीकाकरण अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अधिकारी एवं अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल होते है जो पूरे अभियान की निगरानी करते है एवं आवश्यकतानुसार संसाधनों को मुहैया करवाते है।
टीकाकरण दल कार्य
निगरानी दल के कार्य के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य टीकाकरण दल का है। जिले में कार्य करा रहे टीकाकरण दल का कार्य वैक्सीनेशन के लिए लोगो को टीकाकरण केंद्र लाना है और वैक्सीन लगाना है। यही टीम लोगो को टीका लगाने का कार्य भी करती है। इस टीम में स्टाफ नर्स, सीएचओ, एएनएम,आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, ग्राम सहायक, ग्राम सचिव बीएलओ एवं उक्त कार्य हेतु लगाए गए कर्मचारी शामिल होते है। यह टीम केंद्र के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध करवाती है।
प्रचार-प्रसार का अहम योगदान
किसी भी अभियान की सफलता के लिए उस कार्य का प्रचार-प्रसार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। साथ ही महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान प्रदान सही समय पर करने के मीडिया प्रभारी का भी अहम योगदान होता है। जिला टीकाकरण टीम की और से प्रचार प्रसार का कार्य मीडिया प्रभारी धीरेन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा किया जा रहा है। इनके साथ जिला जनसम्पर्क अधिकारी द्वारा समय-समय पर वैक्सीन की उपलब्धतता और टीकाकरण की तिथियों का प्रचार प्रसार का कार्य मीडियाधिकारी द्वारा किया जाता है जिसका सीधा लाभ आम जान को होता है। इस टीम में वे समाज सेवी भी शामिल है जिन्होंने बढ़-चढ़ कर टीकाकरण अभियान का प्रचार-प्रसार किया और अभियान में सह आयोजक बनकर कार्य कर रहे हैं।
जिले में हुआ रिकॉर्ड वैक्सीनेशन
कोविड टीकाकरण के प्रभारी डॉ. अंशुमान सोनारे और नोडल ऑफिसर डॉ. पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक जिले में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन किया जा चुका है और सर्वाधिक 361 टीकाकरण बनाकर कुल 8 लाख 98 हजार तिरासी लोगो को टीका लगाया जा चुका है। जिसमे प्रात: डोज़ लगवाने लोगो की संख्या 6 लाख 79 हजार छत्तीस लोगो की है। जबकि 2 लाख 19 हजार 8 सौ 47 लोगो को दोनों डोज़ लगवाई जा चुकी है।
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