दिव्यांग की शिकायत पर एक साल बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

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नोटशीट में की गई कूटरचना से चली गई नौकरी

शहडोल। जिला पंचायत में पदस्थ डाटा इंट्री ऑपरेटर दिव्यांग आदिवासी महिला गायत्री सिंह सुर्खियों में है, नोटशीट में परियोजना अधिकारी की कूटरचना से उसकी नौकरी चली गई है, शासन के आदेश के बाद भी उसे जिला पंचायत की अन्य योजनाओं में मर्ज नहीं किया जा सका है। नौकरी जाने की भनक गायत्री सिंह को पहले से ही थी, जिसकी शिकायत वह सीईओ जिला पंचायत व कलेक्टर को पहले ही अवगत करा चुकी थी, लेकिन एक साल बाद भी दोषी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब दिव्यांग महिला दर-दर भटकने को मजबूर है।
यह थी शिकायत
प्रधानमंत्री कृषि योजना अंतर्गत वाटर शेड में पदस्थ डाटा इंट्री ऑपरेटर गायत्री सिंह ने तकनीकी विशेषज्ञ जिला वाटरशेड सेल सह डाटा सेंटर जिला पंचायत रविन्द कुमार अग्रवाल के खिलाफ तात्कालीन जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर से शिकायत की थी कि रविन्द अग्रवाल उसे नाजायज परेशान करते हैं, शिकायत में उल्लेख किया था कि घर के निजी कार्य कराये जाते हैं, छुट्टी के दिन भी फोन कर नाजायज काम करने का दबाव बनाते हैं, जिसका असर मेरे मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है, लेकिन वह अपनी आदतों से बाज नहीं आते। रविन्द की हरकतों से हमें उनका व्हॉटस एप भी बंद करना पड़ता है। रविन्द अग्रवाल की करतूतों से मैं बहुत पीडि़त और दुखी हूं, मुझे भय है कि मेरे साथ कभी भी कुछ हो सकता है। जिसकी जवाबदारी रविन्द अग्रवाल की होगी।
अब तक नहीं हुई कार्यवाही
दिव्यांग महिला गायत्री सिंह की शिकायत एक साल से धूल खा रही है, इसकी शिकायत पर वरिष्ठ अधिकारियों ने भी संज्ञान नहीं लिया और न ही शिकायत पुलिस को भेजी, अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच करा ली जाये, तो जिला पंचायत में रविन्द अग्रवाल द्वारा किये गये षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सकता है। इतना ही नहीं यह मामला अगर पुलिस को सौंप दिया जाये तो, रविन्द के खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो सकते हैं, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में पता नहीं क्यों चुप्पी बनाये हुए हैं।
ऐसे गई नौकरी
दिव्यांग महिला गायत्री सिंह जिला पंचायत की जिस योजना में काम कर रही थी, वह योजना 30 सितम्बर से बंद हो गई, इसके पहले प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन से आदेश आया था कि बंद होने जा रही योजना में पदस्थ डाटा इंट्री ऑपरेटर को अन्य योजना में मर्ज कर दिया जाये, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञ जिला वाटरशेड सेल सह डाटा सेंटर जिला पंचायत रविन्द कुमार अग्रवाल ने एक अन्य परियोजना अधिकारी से सांठ-गांठ कर पद भरे होने की नोटशीट में गलत जानकारी लिखवा दी, जिसकी वजह से दिव्यांग महिला नौकरी से अलग-थलग पड़ गई।
इनका कहना है…
हमारी नौकरी चली गई है, हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते, गायत्री जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर से मिलकर अपना दु:ख दर्द बता सकती है। उसके नौकरी के संबंध में अब सिर्फ जिला पंचायत सीईओ ही निर्णय ले सकते हैं।
रविन्द अग्रवाल
तकनीकी विशेषज्ञ
जिला वाटरशेड सह डाटा सेंटर, जिला पंचायत शहडोल

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