फर्जीवाड़े में सीएमओ अक्षत बुंदेला की जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी वारंट जारी

सूरज श्रीवास्तव
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शहडोल जिले में नगर पालिका से जुड़े एक बड़े घोटाले का मामला फिर चर्चा में है। इटारसी में सार्वजनिक जमीन को प्लॉट बनाकर फर्जी रसीदों और रजिस्ट्रियों के सहारे बेचने के आरोप में तत्कालीन सीएमओ अक्षत बुंदेला और उप रजिस्ट्रार आनंद पांडेय के खिलाफ अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। हाल ही में दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
इटारसी नगर पालिका परिषद के कार्यकाल 2015 से 2019 के दौरान न्यास कॉलोनी में सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन को प्लॉट बनाकर बेचा गया। सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव ने सराफा व्यवसायी शुभांगी रसाल से 9 लाख रुपये लेकर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराई। यह राशि नगर पालिका के कोष में जमा नहीं की गई। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर संजीव श्रीवास्तव और सर्विस प्रोवाइडर राजा सैफी को 7-7 साल की सजा और ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।
सहायक राजस्व निरीक्षक के साथ इस घोटाले में तत्कालीन सीएमओ अक्षत बुंदेला और उप रजिस्ट्रार आनंद पांडेय भी आरोपी पाए गए। इन पर आरोप है कि उन्होंने मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। अदालत के आदेश पर दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। बीते शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, अक्षत बुंदेला ने शहडोल में सीएमओ का प्रभार होने के बावजूद छुट्टी लेकर जिला प्रशासन और नगरीय प्रशासन को धोखे में रखा। इस बीच, जेडी आरएस मंडलोई ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन वह आवश्यक जानकारी जुटा रहे हैं।
आर.एस. मंडलोई, जेडी, नगरीय प्रशासन विभाग
“मुझे अभी तक इस मामले की कोई सूचना नहीं थी। अगर ऐसा है, तो तुरंत जानकारी लेकर कार्रवाई करेंगे।”
अक्षत बुंदेला और आनंद पांडेय पर गंभीर आरोप साबित होने के बाद जिला प्रशासन और अदालत की कार्रवाई से नगर पालिका के कार्यों पर सवाल उठ रहे हैं। न्यायालय द्वारा दी गई सख्त सजा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश है। अब देखना होगा कि प्रशासन दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर पाता है या नहीं।