बच्चों की मौत के मामले में अस्पताल व चिकित्सकों को क्लीन चिट @ स्वास्थ्य मंत्री ने भोपाल में शहडोल मामले पर की पत्रकारवार्ता
(शम्भू यादव)
शहडोल। कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में बीते 4 से 6 दिनों से लगातार नवजात बच्चों की मौत का मामला पूरे प्रदेश की सुर्खियां बटोर रहा है, लगभग 13 बच्चों की मौत यहां हो चुकी है, इस बीच कमिश्नर से लेकर मुख्य चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी और अंत में राजधानी से भी जांच टीम बनाकर शहडोल भेजी गई, शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कांग्रेस के दो विधायकों सहित चार लोगों की टीम बनाई, जिसमें शनिवार को जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया और वे परिजनों से भी मिले, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने पत्रकारवार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया कि बच्चों की मौत के मामले में शहडोल जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सकों और वहां के प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं थी। भोपाल से शहडोल भेजी गई जांच टीम ने लौटने के बाद जो रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी, उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बयान जारी किये।
मेडिकल हिस्ट्री से निकला मौत का कारण
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि जिला चिकित्सालय में किसी भी प्रकार की दवाईयों की कमी नहीं है और चिकित्सकों ने भी पर्याप्त ध्यान दिया था, उन्होंने पत्रकारों से पूछे गये सवालों के जवाब में बताया कि बच्चों की मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण उनका समय पर अस्पताल न पहुंचना, जन्म के समय उनके न रोने, समय पूर्व उनका जन्म होना तथा निमोनिया सहित बच्चों का वजन कम होना जैसे अन्य प्रमुख कारण रहे।
एम्बूलेंस, वेंटिलेटर, एसएनसीयू में बढ़ोत्तरी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि शहडोल के मेडिकल कालेज में एनएनसीयू के 20 बेड बढ़ाये जाएंगे, साथ ही 5 नये वेंटिलेटर भी बढ़ाये जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि नवजात बच्चे और प्रसूताएं समय पर अस्पताल पहुंच सकें, इसके लिये 2 नये एम्बूलेंस शहडोल को दिये जा रहे हैं, यही नहीं भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा निर्मित न हो, इसके लिये जमीनी स्तर पर जागरूकता लाने और इसके लिये प्रसार-प्रचार पर भी ध्यान दिया जायेगा, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को समस्त शहडोल जिले सहित आसपास के जुड़े क्षेत्रों में डोर टू डोर भेजा जायेगा, जो एमएक्सोसिलिन व अन्य जरूरी दवाएं साथ ले जाएंगे और आवश्यकतानुसार घर पर वितरित करेंगे, मैदानी अमले की कसावट के लिये पूरा खाका तैयार कर लिया गया है।
जबलपुर-भोपाल से मिलेगी गाइड लाइन
शहडोल चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सकों को जबलपुर मेडिकल कालेज से जोड़ा जायेगा, यहां पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञों को रोजाना एक घंटे की गाइड लाइन मेडिकल के चिकित्सक देंगे, यही नहीं भोपाल से भी चिकित्सकों की जिम्मेदारी यहां के तय की गई है, जो शहडोल आकर नये तकनीकियों और स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण यहां के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को देंगे, इतना ही नहीं शहडोल के चिकित्सकों की टीम को एम्स के विशेषज्ञों से भी जोड़ा जायेगा, जो समय-समय पर यहां की स्थितियों का जायजा लेंगे और आवश्यक दिशा-निर्देश व सुझाव देंगे।