दिवाकर के संरक्षण में रेत का अवैध कारोबार!
दिन-दहाड़े नदी-नालों को छलनी कर रहे रेत माफिया
विभाग के अधिकारियों की मौन स्वीकृति बड़ा कारण
उमरिया। जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में रेत माफियाओं पर खनिज सहित पुलिस विभाग की कृपा दृष्टि बनी हुई है, मानपुर थाना क्षेत्र की शायद ही कोई नदी व घाट ऐसा बचा हो जहां चोरी छुपे अवैध खनन नहीं हो रहा हो। यही नहीं रेत के कारोबार से जुड़े लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह न सिर्फ बिना रॉयल्टी रेत खनन करते हैं बल्कि विभिन्न स्थानों पर बिना लाइसेंस उसका भंडारण कर वहीं से उसकी बिक्री भी कर रहे हैं। खनिज विभाग के जिम्मेदारों को जानकारी होने के बाद भी उन पर कार्यवाही न होना उनकी सांठ-गांठ का दर्शाता है।
वसूली में लगा लल्लू
एक ओर जहां देश में कोरोना वायरस को लेकर भय का माहौल बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर अवैध रेत उत्खनन करने वाले कारोबारियों के भय मुक्त हो गए हैं और वे खुलेआम अवैध रेत उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं। चरण गंगा नदी,भडारी नदी, बरूहा नाला सहित मानपुर क्षेत्र में ही लल्लू साहू ने नदी पर जाने के लिए बाड़े का निर्माण किया हुआ है। जहां से चोरी की रेत निकालने के लिए रास्ता बनाया गया है, प्रति ट्रिप 200 रूपये लल्लू खुद वसूल रहा है।
50 ट्राली हो तो करें कार्यवाही
मानपुर विकास खण्ड के कुछ ग्राम जो बफरजोन से सटे हुए हैं, वहां तहसीलदार रमेश परमार द्वारा बीते दिवस आधा दर्जन स्थानों पर अवैध रेत के भण्डारण की सूचना मिलने पर कार्यवाही की गई। हालाकि तहसीलदार ने उक्त कार्यवाही के दौरान धरपकड़ करने के बाद यह मामला खनिज विभाग के सुपुर्द कर दिया था, विभागीय सूत्रों की माने तो खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा यह कहकर माफियाओं पर कार्यवाही नही की जाती कि 50 ट्राली रेत हो तो कार्यवाही करें।
यहां पकड़ी थी रेत
मानपुर ब्लाक मुख्यालय सहित सिगुड़ी मार्ग के अलावा वेयर हाऊस के सामने अवैध रूप से भण्डारित की गई रेत कार्यवाही के दौरान जब्त की गई है, उसमें ग्राम नरवार के सरपंच के द्वारा मानपुर बाई पास सिगुड़ी में करीब 30 ट्राली रेत रखी गई थी, जो रामप्रकाश नामक व्यक्ति की जमीन पर रखी गई थी, इसके अलावा श्याम सुंदर गुप्ता के यहां से करीब 20 ट्राली रेत, वेयर हाऊस के सामने राम सुंदर गुप्ता के यहां से करीब 30 ट्राली रेत मिलने की खबर है, इसके साथ ही कुछ अन्य स्थानों से भी अवैध रूप से संग्रहित हुई रेत पर कार्यवाही की गई।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
रेत के अवैध उत्खनन और उस पर कार्यवाही करने व अवैध कारोबार को रोकने का जिम्मा शासन ने जिस विभाग को दिया है, उसके जिम्मेदारों ने अवैध उत्खनन रोकने को लेकर कितनी सख्ती दिखाई है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग ग्राम पंचायतों में चोरी की रेत सप्लाई हो रही है, लेकिन आज तक उन पर कार्यवाही नहीं हो सकी। सूत्रों की माने तो खनिज विभाग में पदस्थ माईंनिग इंस्पेक्टर दिवाकर चतुर्वेदी ने रवि, एहसान, गोलू , लकी सहित अन्य लोगें को रेत चोरी करने की खुली छूट दी हुई है, जिस वजह से अब यह दिनदहाड़े नदी-नालों से रेत चोरी कर रहे हैं।
पुलिस नहीं पीछे
सवाल यह उठता है कि शासन ने जिन लोगों को शासन ने चोरी सहित अन्य अवैध गतिविधियों के लिए तैनात किया हुआ है, साथ ही कप्तान ने भी जिले में अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की सख्त हिदायत दी हुई है, बावजूद इसके क्षेत्र में खुलेआम चोरी की रेत ट्रैक्टरों के माध्यम से हर ग्राम पंचायत में बिक रही है, इससे सरकार सहित कप्तान की मंशा पर जहां पानी फिर रहा है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में चोरी को बढ़ावा मिल रहा है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ग्राम पंचायतों में वेण्डरों के माध्यम से सप्लाई की गई रेत सहित अवैध भण्डारणों की जांच कर माफियाओं पर सख्त कार्यवाही की जाये।
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