अवैध रूप से संचालित हो रहे मैरिज गार्डन

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रसूखदारों ने चाटूकारिता कर प्रशासन को पहुंचाई क्षति

मानक के हिसाब से नियमों की धज्जिया उड़ा रहे बारात घर

सिर्फ एक बारात घर में है पार्किंग का इंतजाम

शहडोल। जिला मुख्यालय में कई ऐसे मैरिज गार्डन हैं जो बगैर पंजीयन संचालित हो रहे हैं, जिसमें प्रशासन की भूमिका को लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। जिससे शासन को तो क्षति हो ही रही है साथ ही मैरिज गार्डन के आसपास रहवासियों की नींद हराम होने के साथ साथ कई तरह के प्रदूषण का दंश झेलना पड़ रहा है। इस संबंध में पूर्व की नपा परिषद ने ऐसे कई मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे, खबर है कि किसी भी गार्डन संचालक द्वारा विधिवत पंजीयन कराने एवं लाइसेंस प्राप्त करने की कार्यवाही नहीं की है। आए दिन यातायात बाधित होने से नागरिकों एवं मरीजों को होने वाली असुविधा एवं आतिबाजी के कारण दुर्घटनाएं भी होती है, इसी को ध्यान में रखते हुए कि किसी भी प्रकार की अप्रिय दुर्घटना की आशंका को देखते हुए अवैध रूप से संचालित मैरिज गार्डन के संचालन पर स्थानीय लोगों ने कलेक्टर से मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की मांग की है।

क्या अवैध है संचालन

स्थानीय लोगों का कहना है कि बारात घरों के संचालन की अनुमति नगरपालिका द्वारा दी जाती है। जिसमें पार्किंग स्थल, ध्वनि प्रदूषण, कचरा निपटान आदि कई शर्तें होती हैं। मैरिज गार्डन संचालकों को उन सभी शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है। यदि कोई संचालक ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया जाता है। कई ऐसे बारात घर शामिल हैं जो शहर में नियम विरूद्ध संचालित हो रहे हैं। बताया गया कि अवैध रूप से संचालित ऐसे मैरिज गार्डन संचालकों को नोटिस जारी नहीं किए गए हैं।

सड़कों सहित तालाबों में कचरा

विराट नगरी तालाबों की नगरी मानी जाती है, पहले ही भू-माफियाओं ने तालाब पाटकर उन पर अतिक्रमण किया हुआ है, वहीं इन दिनों मैरिज गार्डन संचालक भी शादी के बाद निकलने वाले कचरे एवं अपशिष्ट पदार्थ आस-पास स्थित तालाब या सड़कों पर डाल रहे हैं, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। जिम्मेदारों ने चंद चांदी के सिक्कों के चलते उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना वसूल की जगह खुली छूट दी हुई है। जबकि कचरा एवं अपशिष्ट पदार्थ के संग्रहण एवं निराकरण करने की जवाब देही मैरिज हाल संचालक, मैरिज गार्डन संचालक की है। इन निर्देशों के अतिरिक्त राज्यशासन जिला प्रशासन स्थानीय निकाय द्वारा समय समय पर इस संबंध में जारी किये गये निर्देशों का पालन करना होगा। आदेश का उल्लंघन करने के स्थिति में भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत विधि अनुसार दण्डंात्मक प्रबंधनों के अंतर्गत संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है।

यह कहते हैं कायदे

मैरिज गार्डन, मांगलिक भवन, होटल प्रवेश द्वारा एवं पार्किंग के लिए जो कायदे बनाये गये हैं, उसमें संचालक द्वारा पर्किंग स्थल को दर्शाने वाला साइनबोर्ड भी लगाया जायेगा आगन्तुकों द्वारा वाहनों की पार्किंग निर्धारित स्थल पर ही की जायेगी ताकि वहां से गुजरने वाले जनसमुदाय आवागमन का मार्ग बाधित न हो । इनके संचालकों द्वारा स्वंय के खर्चे से पर्याप्त संख्या में दो गार्डों की भी व्यवस्था की जायेगी जो व्यवस्थित पर्किंग के लिये मार्गदर्शन देंगे, लेकिन शगुन के इस कार्यक्रम में लोग इन संचालकों से यह पूछना भूल जाते हैं कि आप नियमों का पालन कर रहे हैं कि और उक्त संचालक सभी चीजों का पैसा जोड़ ग्राहकों से ठगी करने पर उतारू है।

नहीं है सीसीटीव्ही की सुरक्षा
वैवाहिक समारोह में घरेलू एलपीजी सिलेंडर्स 14,2 किलोग्राम नहीं किया जा सकता, होटल के संचालक एवं कैटर्स व्यवसायिक गैस सिलेण्डर का कनेक्शन लेकर इसका उपयोग करेंगे। दुरुपयोग किये जाने की स्थिति उसकी जिम्मेदारी वैवाहिक समारोह आयोजनकर्ता मैरिज संचालक कैटर्स की होगी । समस्त संचालक नियम संबंधी एक बोर्ड अपने स्थल पर लगायेंंगे ताकि किराये पर लेने वाले अयोजनकर्ता इसका पालन कर सके साथ ही, सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे जिससे समस्त परिसर (पर्किग एरिया सहित) केमरे की नजर में हो तकि कोई भी अप्रिय स्थिति निर्मित होने पर अपराधी को पकड़ में इसका उपयोग किया जा सकें ।

3 दिवस पहले दे जानकारी
मुख्यालय में संचालित मैरिज गार्डनों में कई ऐसे संचालक है, जो अग्निशामक यंत्र का उपयोग नहीं कर रहे है, जबकि अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था होना चाहिये, साथ ही कार्य पर रखे गये कर्मचारियों की जानकारी देकर पुलिस थाने में चरित्र सत्यापन कराया जाना चाहिए, विवाह समारोह आदि की लिखित सूचना आयोजन दिनांक से 3 दिवस पूर्व अपने क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं उप पुलिस अधीक्षक यातायात को आवश्यक रुप से देना चाहिए। नियमों का पालन न पर इसकी जानकारी तुरन्त विद्युत कनेक्शन विच्छेद कराये जाने की कार्यवाही के साथ ही कई कार्यवाहियां मैरिज गार्डन संचालक के विरूद्ध हो सकती है।

रेट का भी निर्धारण नही

बारात घरों में रेट का कोई निर्धारण नहीं है, बल्कि मनमाने ढंग से पैसा वसूला जाता है। सभी बारात घरों का अलग-अलग रेट है, बच्चों की शादी करने वाले पूंजीपति माता-पिता को तो कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन गरीब एवं मध्यमवर्ग के लोगों को बारात घरों के अनाप-सनाप रेट का खामियाजा भुगतना पड़ता है। शासन की तरफ से भी कोई गाइड लाईन अब तक तय नहीं की गई है,जिसका फायदा उठाकर बारात घरों के मालिक कोरोना काल में भी लूट मचाये हुए हैं।

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