शख्सियत @ किसान के घर में जन्में, गांव में पढ़ाई की और बन गये कुलपति
(अजय जायसवाल)
शहडोल। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम सिंहपुर में एक साधारण किसान के घर में 17 मार्च 1961 को जन्म लेने वाले बालक के बारे में कोई नहीं जानता था कि गांव का यह बालक एक दिन पढ़-लिखकर वाइस चांसलर की कुर्सी को सुशोभित करेगा। हम बात कर रहे हैं डॉ. मुकेश तिवारी की, जो वर्तमान में पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। श्री तिवारी एक किसान के घर में जन्म लेकर गांव में ही 11वीं तक की पढ़ाई की और शहडोल के डिग्री कॉलेज में स्नातक एवं स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात 1983 में पुष्पराजगढ़ कॉलेज में सबसे पहले असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी की, फिर 1995 से 2017 तक इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय में सेवा देते रहे, इस बीच 2006 से 2013 तक कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य के रूप में जिम्मेदारी निभाने के बाद, पंडित एस.एन.शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल के संस्थापक कुलपति बन गये। डॉ. तिवारी ने इतिहास विषय से पीजी करने के बाद पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
10 पुस्तकें लिखी
‘हाल ए हलचल ‘ से बातचीत करते हुए कुलपति मुकेश तिवारी ने बताया कि उन्होंने अब तक 10 पुस्तकें लिखी है, जिसमें मध्यकालीन भारत का इतिहास, आधुनिक भारत का इतिहास, प्राचीन भारत का इतिहास, शोध प्रवधि के अलावा ‘महिमा मंडित मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी’ विषय पर एक नया संकलन लिखा है, यह 500 पृष्ठों का संकलन है, जिसमें महात्मा गांधी के पत्र हैं। महात्मा गांधी जहां-जहां गये और उनके जिनसे पत्राचार हुए उन पत्रों का एक महत्वपूर्ण संकलन है।
10 विषयों में शुरू की पीएचडी
डॉ. मुकेश तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय में उन्होंने पिछले साल 10 विषयों पर पीएचडी शुरू किया है, जिसमें फिजिक्स, केमेस्ट्री, जुलॉजी, बॉटनी, इतिहास, हिन्दी, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र एवं अंग्रेजी विषय शामिल हैं। इन विषयों में 70 छात्र-छात्राओं ने पंजीयन कराया है।
नये विषय भी खोले गये
पंडित एस.एन.शुक्ला विश्वविद्यालय में डॉ. मुकेश तिवारी जब कुलपति बनें थे, तब 3700 विद्यार्थी थे और वर्तमान में 9 हजार 300 विद्यार्थी रेगुलर हैं, विश्वविद्यालय में कुल नये विषय खोले गये हैं, जिसमें पीजीडीसीए, एमएसडब्ल्यू, संगीत, यौगिक साइंस, बीपीईएस शामिल हैं। इसके अलावा एआईसीटी से अनुमति लेकर एमबीए भी चालू किया गया है तथा बीएससी ऑनर्स कोर्स विश्वविद्यालय में प्रारंभ किया गया है। प्रस्तावित योजना में विधि, नर्सिंग, बीएड एवं पैरामेडिकल कोर्स खोलने की योजना शामिल है।
कृषि विषय की दरकार
विश्वविद्यालय के विकास एवं विस्तार के लिये सतत् प्रयत्नशील संस्थापक कुलपति डॉ. मुकेश तिवारी का प्रयास है कि विश्वविद्यालय में कृषि विषय भी पढ़ाया जाये। डॉ. तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय में पत्रकारिता का 1 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स चालू किया गया था, परंतु एक भी छात्र का एडमिशन न होने के कारण बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसे पुन: चालू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में 42 रेगुलर प्रोफेसर हैं तथा गेस्ट फैकेल्टी के रूप में लगभग 70 प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
कैशलेस ट्रांजेक्शन
कुलपति डॉ. तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के पूरे परिसर को कैशलेस कर दिया गया है, जिसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन है। एडमिशन से लेकर डिग्री तक ऑनलाइन प्रोसेस की व्यवस्था की गई है, विद्यार्थी को इस कार्य के लिये विश्वविद्यालय आने की जरूरत नहीं है। पारदर्शी व्यवस्था के चलते कहीं कोई गड़बड़ी होने की कोई संभावना नहीं है।