OMG…प्रसूता ने की कलेक्टर से शिकायत तो डॉक्टर ने जिला चिकित्सालय से भगा दिया

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(अनिल तिवारी )

शहडोल। जिला चिकित्सालय में प्रसुता के साथ ही नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है, दूसरी तरफ जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के सख्त रवैए के बाद भी चिकित्सकों की मनमानी और जिला चिकित्सालय में चल रही तानाशाही थमने का नाम नहीं ले रही है।

अभी से कुछ घंटे पहले तीन बार अलग-अलग स्थानों से रेफर होकर उमरिया जिले के पिनौरा गांव की अंजनी यादव नामक प्रसुता जिला चिकित्सालय पहुंची थी,पहले तो चिकित्सकों और स्थानीय स्टाफ ने इलाज करने से ही मना कर दिया। प्रसूता के परिजनों ने जब इस मामले की शिकायत दूरभाष पर कलेक्टर से की और कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह के हस्तक्षेप के बाद जिला चिकित्सालय में उसका इलाज शुरू हुआ,

 

लेकिन अपनी शिकायत होने के कारण नाराज महिला चिकित्सक जो मेडिकल कॉलेज से यहां पर आई हुई थी,वह से इतनी खफा हो गई कि उन्होंने ड्रिप लगाने के बाद भी दर्द से कराह रही प्रसुता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया।

यह भी बात सामने आई कि आज सुबह 6:23 पर महिला को जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया, नियमानुसार प्रसुता के पति विजय यादव उम्र 20 वर्ष पर्ची भी कटवाई और उसके बाद प्रसूता को भर्ती किया गया, लेकिन थोड़ी देर बाद नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने मनमानी दिखाते हुए प्रसूता को बिना प्रसव कराए अस्पताल से भगा दिया।

जिसके बाद उन्होंने अन्य परिचितों से संपर्क करने के बाद रुपयों की व्यवस्था की और निजी चिकित्सालय अमृता हॉस्पिटल की शरण ली, फिलहाल अम्रता अस्पताल में भर्ती की गई है और वहां के चिकित्सक के स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं।

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