आरटीओ का संरक्षण: टूरिस्ट परमिट पर ओव्हर लोड बसें ढो रही मजदूर

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                                                                                                      छत्तीसगढ़ से प्रतिदिन अनूपपुर-शहडोल होकर उत्तरप्रदेश जा रही बसें
                                                                                                             30 टूरिस्ट के परमिट पर 60 से 70 मजदूरों की यात्रा
                                                                                                 शहडोल, अनूपपुर आरटीओ सहित अंर्तराज्जीय परिवहन चौकी का संरक्षण
इन्ट्रो-बीते 15 से 20 दिनों से एक बार फिर छत्तीसगढ़ से 2 दर्जन से अधिक बसें प्रतिदिन शहडोल व अनूपपुर जिले से होती हुई उत्तरप्रदेश जा रही हैं, लगभग बस मालिको ने टूरिस्ट परमिट ले रखे हैं और छत्तीसगढ़ के अलावा इन जिलों से भी मजदूरों को सवारी के रूप में निर्धारित क्षमता से दोगुनी सवारियां ढोई जा रही हैं।
शहडोल। प्रतिदिन शाम होते ही संभाग के अनूपपुर जिले में छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे चौकियों पर छग के विभिन्न जिलों से यात्री बसें दस्तक देती हैं, यही स्थिति रीवा-चाकघाट बार्डर की भी है, जहां से उत्तरप्रदेश से आ रही बसें अंधेरे में पहुंचती हैं और अगले तीन से चार घंटो में प्रदेश के शहडोल-अनूपपुर-उमरिया, रीवा, सीधी, सतना जिलों से होती हुई गंतव्य को चली जाती है। इन बस मालिकों ने अपने-अपने जिले में परिवहन विभाग के आशीर्वाद से टूरिस्ट परमिट लिया हुआ होता है, शहडोल सहित अनूपपुर जिले के परिवहन अधिकारी और यातायात पुलिस के मुखिया के अलावा अंर्तराज्जीय परिवहन चौकी से सांठ-गांठ कर खुलेआम मजदूरों को टूरिस्ट के नाम पर ढोया जा रहा है, इन सबके पीछे बस मालिकों का मकसद महज शासन की कर चोरी करना है, इस मामले में लगातार परिवहन अधिकारियों को शिकायतों के माध्यम से अवगत भी कराया गया है, लेकिन करीब 5 साल से शहडोल में जमें आशुतोष सिंह भदौरिया ने जैसे इनके अभिभावक बन इन्हें खुलकर संरक्षण दिया हुआ है।
5 साल में भी अधूरा रहा ज्ञान
29 अगस्त 2018 को आशुतोष भदौरिया का शहडोल के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की कुर्सी पर बैठे थे, इससे पहले वे शहडोल में ही वह संभागीय उप परिवहन आयुक्त के पद पर थे, हालाकि दिखावे और आमजनता को भुलावे में डालने के लिए इनके पास शहडोल पदस्थापना के दौरान सीधी का प्रभार और आदर्श आचार संहिता के डंडे से बचने के लिए बीते चुनावों से पहले शहडोल से सीधी स्थानांतरण और वहां से शहडोल का प्रभार ले लिया गया, कुल मिलाकर पहले कान सीधे पकड़ा था, अब हाथ पीछे कर-कर उसी कान को पकड़ा हुआ है, खुद को कांग्रेस नेताओं का करीबी रिश्तेदार बताने वाले श्री भदौरिया इन 5 सालों से लगातार शहडोल में परिवहन विभाग को गर्त में ले जाने के जिम्मेदार भी हैं। टूरिस्ट परमिट पर मजदूर ले जा रही बसों की जानकारी की बात तो दूर स्थानीय सूत्र दावा करते हैं कि पूरा का पूरा खेल और शासन को चूना लगाने की गणित श्री भदौरिया के दिमाग की उपज और मार्गदर्शन की देन हैं।
पहले गलत तो, अब सही कैसे
शहडोल में अवधेश गोस्वामी के पदस्थापना के दौरान इस मामले ने तूल पकड़ा था, इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ही कार्यवाही की थी, इनके साथ यातायात विभाग के तत्कालीन डीएसपी अखिलेश तिवारी के द्वारा लगभग 13 बसों को टूरिस्ट परमिट के नाम पर क्षमता से अधिक मजदूर ढोने के मामले में खड़ा कराया गया था, शहडोल से राहत न मिलने पर बस मालिकों ने उच्च न्यायालय की शरण भी ली थी और वहां से राहत न मिलने पर, 9 से 10 महीनें बसें खड़ी रहने के उपरांत 37 से 38 लाख रूपये का जुर्माना शासन के खाते में जमा हुआ था, सवाल यह उठता है कि जब पूर्व में उसी परमिट पर दौड़ रही बसें गलत थी तो, अब सही कैसे हो गई।
इन बसों पर उठे सवाल
टूरिस्ट परमिट पर मजदूर ढो रही बसों की संख्या 2 दर्जन से अधिक बताई गई है, जिसमें मो. साकिब की बस क्रमांक सीजी 15 डीडब्ल्यू 5879 कवर्धा से लखनऊ व सीजी 15 डीडब्लयू 5869 भी कवर्धा से लखनऊ दौड़ती है, इसी बस मालिक की सीजी 15 डीडब्लयू 5868 क्रमांक बस बिलासपुर से कानपुर, मो. नावेद की सीजी 15 डीडब्लयू 5878 बिलासपुर से कानपुर, इसी बस मालिक की सीजी 15 डीडब्लयू 5853 अमलिया से सूरत, वहीं नावेद की ही एक अन्य बस सीजी 15 डीडब्लयू 5866 भी अमलिया से सूरत के अलावा नफीस ट्रांसपोर्ट की सीजी 15 डीएक्स 3920 चिरमिरी से खागा, नफीस की ही बस क्रमांक सीजी 15 डीएक्स 3922 बेमेतरा से लखनऊ दौड़ रही है, कांकेर रोडवेज दुर्ग की बस क्रमांक सीजी 19 बीके 7200 जबलपुर से हैदराबाद, कांकेर की ही बस क्रमांक सीजी 04 एनए 7778 भी जबलपुर से हैदराबाद के अलावा इसी रोडवेज की इसी रोड पर बस क्रमांक सीजी 04 एनए 7767, सीजी 19 बीजे 8882, सीजी 19 बीजे 8838 सभी जबलपुर से हैदराबाद, नरेश बस सर्विस रायपुर की 4 बसें जिनमें से दो रायपुर से इलाहाबाद और 2 फैसाबाद दौड़ रही हैं। मो. अब्दुल राशिद की बस क्रमांक यूपी 65 जेटी 8715 चिरमिरी से खागा, रमेश कुमार यादव की यूपी 70 एचटी 9162 बिलासपुर से इलाहाबाद, पुष्पराज बस सर्विस की यूपी 70 जेटी 3923 बिलासपुर से इलाहाबाद, इसी बस सर्विस की बस क्रमांक यूपी 70 जेटी 9947 बिलासपुर से लखनऊ के अलावा उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ से संजय सिंह की दो बसें बिलासपुर से सुल्तानपुर, नीरज राय की दो बसें बिलासपुर से इलाहाबाद और राजधानी बस सर्विस के हसन खान की दो बसें बिलासपुर से इलाहाबाद दौड़ रही हैं।
अधिनियम का उल्लंघन, हादसों को न्यौता
मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 88 (9) के तहत पर्यटन परमिट प्राप्त कर 88 (8) के तहत कांट्रेक्ट कैरिज का रिजर्व परमिट प्राप्त कर लगभग बसें नियमित रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में सवारियां ढो रही है, अनूपपुर और शहडोल के परिवहन अधिकारियों के साथ ही कबीर चबूतरा अमरकंटक, रामनगर झिरिया टोला व खूंटाटोला वेंकटनगर, सोहागी बैरियर तथा इन जिलों के यातायात पुलिस के मुखिया सभी खुलकर अधिनियम का उल्लंघन और लाखों की कर चोरी कर रहे मोटर मालिकों के सहभागी बन रहे हैं। पूर्व में ऐसी बसें हादसों का शिकार भी हुई है, यदि आने वाले दिनों में कोई हादसा होता है तो, उसका खामियाजा यात्रियों का भुगतना पड़ेगा और अधिकारी फिर एक बार पल्ला झाड़ लेंगे।
इनका कहना है…
बसों के अवैध संचालन के मामले में जांच के आदेश दिए जायेंगे, यदि अवैध संचालन है तो, अवश्य कार्यवाही होगी।
कुमार प्रतीक
पुलिस अधीक्षक, शहडोल

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