एमपी में स्ट्रीट डॉग पर नहीं लगाम, 7 आईएएस की कमेटी हुई बेकार

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भोपाल। प्रदेश में लगातार डॉग बाईटिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही है, अन्य जिलों की बात तो दूर मुख्यालय में भी सरकार और निगम के द्वारा 2 सप्ताह पहले इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए 7 आईएएस की बनाई गई कमेटी भी अभी तक कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। प्रदेश में बीते साल 2023 में 5 लाख से अधिक डॉग बाइटिंग की घटनाएं हुई थी, जिसको लेकर मोहन यादव सरकार ने दो सप्ताह पहले ही चिंता जताई और 7 आईएएस की एक कमेटी बनाकर कुत्तों की बढ़ती आबादी और डॉग बाइटिंग को रोकने के लिए रणनीति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, मंगलवार की सुबह भोपाल के वार्ड नंबर 80 आशीर्वाद कालोनी में स्कूली बच्चों पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया, हालाकि स्थानीय रहवासियों की सजगता से कोई बड़ी घटना नहीं घटी, निगम के पूर्व एलडर मैन और भाजपा नेता संजीव दुबे की 7 साल की बच्ची सुबह स्कूल के लिए निकली थी, इसी दौरान स्ट्रीट डॉग के अटैक शिकार हो गई।
कॉफी हाऊस या निगम जिम्मेदार
वार्ड नंबर 80 में जिस स्थान पर 24 घंटे स्ट्रीट डॉग का आतंक रहता है, यहां इंडियन कॉफी हाऊस और उसका किचन संचालित है, यहां संचालकों द्वारा जूठ और खासकर मांसाहार की जूठन आये दिन पड़ी रहती है, किचन के गेट पर ही कुत्तो का जमावड़ा रहता है, जिससे आये दिन इस तरह की घटना सामने आती रहती है। यहां आवारा कुत्तों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, कुत्ते और भी ज्यादा खूंखार होते जा रहे हैं, रोजाना कुत्तों के काटे जाने के मामलों में इजाफा होता जा रहा है, वार्ड नंबर 80 आशीर्वाद कालोनी में आये दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही है, इंडियन कॉफी हाऊस के किचन से यहां जूठ जिसमें मांस के टुकड़े रहते हैं, फेंके जाते हैं, वहीं इसकी दुर्गन्ध से भी आवारा कुत्ते यहां जमघट लगाये रहते हैं। इस मार्ग से दर्जनों बच्चे प्रतिदिन स्कूल और नित्य कार्याे के लिए गुजरते रहते हैं, पूर्व में भी आवारा कुत्तों के हमले से कई नागरिक घायल हो चुके हैं। बावजूद इसके नगर निगम की आंखे नहीं खुल रही है।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। वहीं कुत्तों से भी लोग भयभीत हैं। बिना लाइसेंस के शहर में कुत्ते घूम रहे हैं। झुंड के रूप में यह राहगीरों को शिकार बना रहे हैं। जिस कारण स्थानीय लोगों में भय व्याप्त है। बुजुर्ग, महिलाएं, स्कूली बच्चे आदि कुत्तों के आतंक से परेशान हैं। सुबह घूमने जाने वाले लोग भी डरने लगे हैं। लाठी से लैस होने के बावजूद उन्हें कुत्ते निशाना बना रहे हैं। जबकि निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। कुत्ते नगर की सडक़ों, गलियों और सार्वजनिक स्थानों को भी गंदा कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने निगम से आवारा कुत्तों को शहर से हटाने और पालतू के लाइसेंस बनाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिला स्तर पर लागू करनी थी योजना
डॉग बाइटिंग की बढ़ती घटनाओं से चिंतित सरकार ने अब इससे निपटने के लिए अपने 7 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है, इन 7 अधिकारियों की कमेटी प्रदेश में कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रण करने के लिए रणनीति तैयार करेंगें, अधिकारियों की यह टीम कार्य योजना तैयार कर इसे जिला स्तर पर लागू कराएगी, उधर, जिला में पशु जन्म नियंत्रण निगरानी समितियां भी गठित की जाएंगी, जिसमें पशुओं की क्रूरता से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई होगी। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, इसमें पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त तरूण पिथौड़े, पंचायत एवं ग्रामीण विकास आयुक्त मनोज पुष्प, नगरीय प्रशासन विभाग आयुक्त भरत यादव और भोपाल-इंदौर नगर निगम के आयुक्त हैं। इसके अलावा राज्य पशु कल्याण बोर्ड, पशु चिकित्सा परिषद और भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्यों को इसमें रखा गया है, यह टीम मध्य प्रदेश में कुत्तों की आबादी नियंत्रण करने को लेकर कार्य योजना तैयार करेगी और इसे जिला स्तर पर लागू कराएगी।
ठोस कार्ययोजना की मांग
मुख्य मार्ग अलावा वार्डों के अंदरूनी मार्गाे पर भी कुत्तों का झुंड देखने को मिलता है, जिससे सडक़ों पर वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। कुत्तों को बचाने के फेर मे वाहन चालक वाहनों से गिर रहे हैं। वहीं नगर मे कुत्तों का आतंक इतना बढ़ चुका है कि पैदल के साथ ही दो पहिया वाहन चालकों को भी दौड़ा लेते हैं, जिससे दुर्घटना कारित होती है। वार्ड नंबर 80 में कुत्तों के झुंड घूमते रहते है, जिससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों के लिए बना हुआ है। स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र जाने वाले छोटे बच्चे कुत्तों के आतंक से भयभीत हो गए हैं। आवारा कुत्तों की रोकथाम के लिए ठोस कार्ययोजना बनाए जाने की मांग पीडि़तजनों ने की है।

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