आज की शख्सियत @ बेमिसाल है “निक्की मोटर्स” वाले निक्की भईया,गरीब परिवार के शव ढोने के लिए दान कर दिया अपना वाहन
गरीब न हो परेशान, इसलिए कर दिया निजी वाहन का दान
शहडोल। 12 दिसम्बर 1970 को वरिष्ठ कर सलाहकार, पत्रकार एवं समाजसेवी स्व. शरद सिन्हा के घर में जन्में अनुशील सिन्हा उर्फ निक्की का बचपन पंजाबी गुरूद्वारे में घरौला मोहल्ला शहडोल के परिसर में किराये के मकान पर बीता, शायद इसीलिए सिक्ख कौम की सेवा भावना का गहरा असर निक्की के जीवन पर पड़ा है। लगभग 1 वर्ष पूर्व निजी उपयोग के लिए ओमनी वैन क्रय किया था, लेकिन जब देखा कि जब एक शव को मोटर सायकल में ले जाया जा रहा था, तब मन व्यथित हुआ और ओमनी वैन को शहर के सत्य सांई संस्थान को शव वाहन के रूप में प्रदान कर दिया।
डेढ़ सौ शवों को पहुंचाया गंत्वय तक
अनुशील सिन्हा ने बताया कि यह शव वाहन 30 किलोमीटर तक गरीबों को नि:शुल्क सेवा प्रदान करता है। शवों को श्मश्यान घाट, शांति वन भेजना हो, या आस-पास के क्षेत्रों में सतत् सेवा कर रहा है। अब तक यह वाहन 150 शवों को गंत्वय तक पहुंचा चुका है। कोविड काल में भी कोविड से पीडि़त शवों को उनके घरों तक पहुंचाने में सत्य सांई संस्थान के सेवा भावी कार्यकर्ता और वाहन में सहयोग किया है।
पशुओं की सेवा में भी योगदान
अनुशील सिन्हा (निक्की भईया) अटल कामधेनु संस्था से जुड़कर निरीह, असहाय एवं बीमार पशुओं की सेवा भी निरंतर करते रहते हैं। इसके अलावा गरीब परिवार की बिटिया की शादी में भी यथा संभव मदद करने से पीछे नही हटते। कई लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करने में भी कभी वे चूकते नहीं है।