न्याय चाहिए, शांति चाहिए,संदेश साफ़ है श्रद्धा की रेखा लांघने वालों को समाज नहीं करेगा क्षमा, न्याय ही अब आस्था का उत्तर झूलेलाल भगवान के अपमान पर सिंधी समाज का उबाल, शहर में निकला मौन जुलूस — “आस्था के अपमान पर अब मौन नहीं, न्याय चाहिए”

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न्याय चाहिए, शांति चाहिए,संदेश साफ़ है श्रद्धा की रेखा लांघने वालों को समाज नहीं करेगा क्षमा, न्याय ही अब आस्था का उत्तर
झूलेलाल भगवान के अपमान पर सिंधी समाज का उबाल, शहर में निकला मौन जुलूस — “आस्था के अपमान पर अब मौन नहीं, न्याय चाहिए”
रायपुर निवासी अमित बघेल द्वारा भगवान झूलेलाल और महाराजा अग्रसेन पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पूरे सिंधी समाज में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। समाज के आराध्य देवता और आस्था के प्रतीक भगवान झूलेलाल के प्रति की गई इस अमर्यादित टिप्पणी ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। इसी विरोध और पीड़ा को स्वर देने के लिए सोमवार को कटनी में सिंधी समाज द्वारा दिलबहार चौक से मिशन चौक तक एक विशाल मौन जुलूस निकाला गया।
सुबह साढ़े 11 बजे प्रारंभ हुआ यह जुलूस पूरे शहर में धार्मिक और भावनात्मक माहौल के बीच निकला, जिसमें समाज के वरिष्ठजन, व्यापारी, युवा, महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए। समाज के लोग हाथों में तख्तियां लिए “भगवान झूलेलाल की जय”, “आस्था का अपमान अब और नहीं”, “न्याय चाहिए, शांति चाहिए” जैसे नारे लगाते हुए आगे बढ़े। जुलूस के दौरान पूरा वातावरण शांतिपूर्ण किंतु आक्रोशपूर्ण दिखाई दिया।


कटनी।। भगवान झूलेलाल और महाराज अग्रसेन के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले रायपुर निवासी अमित बघेल के खिलाफ अब तक कार्रवाई न होने से सिंधी समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। आस्था पर चोट करने वाले इस अमर्यादित बयान के विरोध में मंगलवार को पूरे कटनी शहर में सिंधी समाज ने एकजुट होकर अपनी पीड़ा और विरोध को मुखर रूप में प्रकट किया। दिलबहार चौक से प्रारंभ होकर मिशन चौक तक निकाले गए इस विशाल मौन जुलूस में सैकड़ों श्रद्धालु, व्यापारी, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं और युवा शामिल हुए। हाथों में तख्तियां, बैनर के जयकारों के साथ निकला यह जुलूस पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, परंतु उसमें उबलता हुआ आक्रोश साफ़ झलक रहा था। जुलूस के दौरान समाज के लोगों ने कहा कि “हम संविधान पर विश्वास रखते हैं, पर आस्था का अपमान अब और बर्दाश्त नहीं होगा। यह विरोध किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि श्रद्धा और सम्मान की रक्षा का प्रतीक है।” समाज के वरिष्ठ सदस्य श्याम पंजवानी ने कहा, “हम किसी से लड़ने नहीं आए हैं, पर यह कहने जरूर आए हैं कि हमारे आराध्य देव का अपमान किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। यदि समय रहते दोषी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आस्था की आग पूरे देश में फैलेगी।”

इस विशाल जुलूस में समाज के अनेक प्रतिष्ठित सदस्य शामिल रहे —
गंगाराम कटारिया, झम्मटमल ठारवानी, प्रीतमदास मदनानी, मोहन बत्रा, पीतांबर टोपनानी, राजा जगवानी, चेतन हिंदुजा, राजकुमार नानकानी, खियल चावला, प्रकाश आहुजा, निरंजन पंजवानी, लखमीचंद डोडानी, श्याम पंजवानी, ठाकुरदास रंगलानी, सुरेश रोचलानी, करमचंद असरानी, इशवर बहरानी, राजू तनवानी, मनोहर लाल बजाज, दिलीप रोहरा, सुनील प्रथ्यानी, रवि प्रथ्यानी, विजय वाघवानी, जयराम कुकरेजा, प्रेम जसूजा, विक्रम पुरुस्वानी, जयरामदास गुरुनानी, श्याम पाहुजा, सुनील तलुजा, विजय चांदवानी, सुरेश लालवानी, रामचंद्र मुलवानी, मोहनलाल हीरानी, भागचंद नोतवानी, ज्योति दौलतानी, विक्की नावानी, मनोज सोनी, अमित नावानी, शंकर मुरजानी, मुकेश जसूजा, उमेश अरोरा सहित सैकड़ों समाजसेवी, व्यापारी और युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
जुलूस में कटनी सिंधी सेंट्रल पंचायत, माधवनगर सिंधी सेंट्रल पंचायत, शांति नगर सिंधी सेंट्रल पंचायत, सिंधु नवयुवक मंडल, सिंधु सेवा समिति, सिंधु युवा संघर्ष समिति, वरुण संस्था से जुड़े सभी पदाधिकारी और सदस्य एकजुट दिखे।
क्षेत्रीय विधायक संदीप जायसवाल ने भी समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर भागीदारी निभाई।
जुलूस के दौरान शहर के सिंधी बहुल क्षेत्रों माधवनगर, दिलबहार और मिशन चौक के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान दोपहर 2 बजे तक बंद रखेंगे। अग्रवाल समाज, मारवाड़ी समाज सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने भी एकजुटता दिखाते हुए सिंधी समाज के समर्थन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। विरोध के पश्चात समाज के प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर रायपुर निवासी आरोपी अमित बघेल की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी न केवल धार्मिक आस्थाओं का अपमान है, बल्कि समाज की भावनाओं को भड़काने और आपसी सौहार्द बिगाड़ने की साजिश भी है। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो विरोध प्रदेशव्यापी स्वरूप लेगा। सभा में वक्ताओं ने कहा कि “आज सवाल केवल एक समाज या एक आराध्य का नहीं, बल्कि देश की उस मर्यादा का है जो हर धर्म, हर आस्था की गरिमा को सम्मान देती है। यह आग केवल शब्दों से नहीं बुझेगी, बल्कि न्याय से बुझेगी।”


गत रविवार को सिंधु झूलेलाल मंगलम परिसर में आयोजित आमसभा में समाज ने प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद मंगलवार को पूरे शहर में प्रतीकात्मक बंद और मौन जुलूस आयोजित किया गया। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह आंदोलन गैरराजनैतिक है और इसका उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना नहीं, बल्कि यह संदेश देना है कि “आस्था पर आघात अब असहनीय है, और धर्म का अपमान करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।” संदेश साफ़ है श्रद्धा की रेखा लांघने वालों को समाज नहीं करेगा क्षमा, न्याय ही अब आस्था का उत्तर है। समाज का यह स्वर अब केवल कटनी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे प्रदेश में यह चेतावनी बनकर गूंज रहा है “आस्था की मर्यादा के साथ खिलवाड़ करने वालों को अब समाज माफ नहीं करेगा।”

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