‘आभास” ये नाम मिला है, 4 माह के गुमनाम शिशु को

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रविवार को अनूपपुर स्टेशन पर यात्री ट्रेन में लावारिस मिला था शिशु
इधर गोद लेने के लिये सैकड़ों ने साधा शिवालय व कारा से संपर्क

(शुभम तिवारी+91 78793 08359)
शहडोल । रविवार की सुबह अनूपपुर रेलवे जंक्शन में मिले 04 माह के बालक के वारिस अभी भी सामने नहीं आये हैं, बीते 96 घंटों के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया में बच्चे की फोटो और उसके मिलने की कहानी प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में हजारों लोगों तक पहुंच गई। स्वस्थ्य व सुंदर दिखने वाले बच्चे को अपना नाम देने के लिये सैकड़ों की संख्या में लोगों ने अपने-अपने तरीकों से प्रयास किये और ये प्रयास अब भी जारी हैं, वहीं अनूपपुर जिला चिकित्सालय से बच्चे को अगले दिन अर्थात सोमवार को शहडोल बाणगंगा स्थित सद्गुरू मिशन के शिवालय शिशु गृह में लाकर रखा गया है, जहां अधीक्षक बृजेन्द्र दुबे व अन्य वार्डन बच्चे की देखभाल कर रहे हैं, वहीं पुलिस इस मामले में परिजनों को तलाशने में लगी हुई है।


‘आभासÓबना भारतीय नागरिक
मंगलवार को शिवालय शिशु गृह द्वारा 04 माह के शिशु का नामकरण किया गया और उसका आधार कार्ड बनवाकर कार्यालय के रजिस्टर में अंकित किया गया, अब उक्त शिशु आभास के नाम पर जाना जायेगा और भारत सरकार द्वारा भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण के नामांकन क्रमांक-0636/01447/79857 में उसका नाम दर्ज हो चुका है, आभास का वर्तमान पता वार्ड नम्बर-12 बाणगंगा पेट्रोल पम्प, शिवालय शिशु गृह शहडोल व जन्म तिथि 02 नवम्बर 2018 दर्ज की गई है।
इस तरह ले सकते हैं गोद
आभास सहित शिवालय शिशु गृह में पल रहे एक दर्जन अन्य बच्चों व प्रदेश व देश के अन्य क्षेत्रों में संचालित शिशु गृहों में बच्चों को गोद लेने के लिये शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया तैयार की गई है, इसके लिये आवेदकों को ऑनलाइन अपना रजिस्टे्रशन कराना पड़ता है, इसके लिये संभाग के वाशिंदों को 06 हजार रुपये शुल्क जमा करना पड़ता है, उसके बाद आवेदन की प्रतिलिपि व जमा किये गये शुल्क की प्रति लेकर उसे स्थानीय कार्यालय में जमा करनी पड़ती है, निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदक पूर्व से दर्ज आवेदकों के साथ उसका नाम प्रतिक्षा सूची में दर्ज हो जाता है और जब आवेदक का नाम आता है तो उसे च्वाइस फिलिंग के अनुरूप अपने व अन्य प्रदेशों के शिशु गृह में पल रहे बच्चे के पास जाकर आगे की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है, यही नहीं इस प्रक्रिया का अगला चरण यह भी है कि यदि आवेदकों को प्रतिक्षा सूची खत्म होने के बाद शिशु गृह में पल रहा बच्चा पसंद नहीं आता है तो 60 दिनों के अन्तराल के बाद दूसरे शिशु गृह और फिर 60 दिनों के बाद तीसरे शिशु गृह में पल रहे बच्चे को गोद लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है, इसके बाद भी यदि आवेदक उससे संतुष्ट नहीं होता तो, उसका आवेदन पुन: प्रतिक्षा सूची में आगे से खिसक कर फिर सबसे पीछे चला जाता है और फिर उसे पुन: उतने दिनों का इंतजार करना पड़ता है।
“आभास” के लिये यह होगी प्रक्रिया
आभास को गोद लेने के लिये अभी कम से कम एक सप्ताह तक उसके परिजनों के आने का इंतजार किया जायेगा, इसके बाद आभास की फाइल तैयार होकर जिला महिला सशक्तिकरण के पास भेजी जायेगी, जिनके द्वारा परिजनों को समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना प्रकाशित कर यहां आने के लिये एक माह का समय दिया जायेगा, जिसके बाद भी यदि कोई दावा आपत्ति संबंधी आवेदन नहीं मिलते हैं तो बाल कल्याण समिति के माध्यम से केन्द्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण संसाधन महिला एवं बाल विकास विभाग नई दिल्ली द्वारा ष्ड्डह्म्ड्ड.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ नामक वेबसाइट में आभास को गोद लेने संबंधी जानकारी अपलोड की जायेगी। आभास को फिलहाल वे ही आवेदक गोद ले सकेंगे, जिन्होंने पूर्व से वेबसाइट में अपना पंजीयन करा रखा है, फिलहाल सिर्फ प्रदेश में ही करीब 1200 से अधिक आवेदक प्रतिक्षा सूची में हैं, जिन्हें प्राथमिकता दी जायेगी।


यह है नन्हें “आभास” के मिलने की दास्तान
17 फरवरी की सुबह 04:20 बजे राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम भोपाल में एक कॉलर व्दारा सूचना दी गई कि जिला अनूपपुर थाना अनूपपुर क्षेत्र के रेल्वे स्टेशन में दुर्ग-अम्बिकापुर ट्रेन में एक नवजात बच्चा मिला है। राज्य स्तरीय पुलिस कन्ट्रोल रूम के व्दारा सूचना मिलते ही तत्काल थाना अनूपपुर एवं जीआरपी अनूपपुर तथा पुलिस कन्ट्रोल रूम अनूपपुर को सूचित करते हुए डायल 100 वाहन (एफ.आर.व्ही.) को भेजा गया । जीआरपी अनूपपुर एएसआई शेख जुम्मन से प्राप्त जानकारी अनुसार अनूपपुर रेल्वे स्टेशन में ट्रेन क्रमांक-18241 दुर्ग-अम्बिकापुर ट्रेन में ऑन ड्यूटी टीटीई अजित अनन्त ने बताया की कोच नं. एस-4 , बर्थ-7 में लगभग 04 महीने का एक नवजात बच्चा कपड़े में लिपटा हुआ पड़ा था, जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति छोड़कर चला गया था। राज्य स्तरीय डायल 100 कंट्रोल रूम में सूचना प्राप्त होते ही तत्काल एफआरवी को रवाना किया गया। डायल-100 एफआरवी स्टाफ प्रधान आरक्षक अमर सिंह तथा जीआरपी एएसआई शेख जुम्मन ने तत्काल बच्चे को शासकीय जिला अस्पताल अनूपपुर मे भर्ती कराया गया, जहाँ नवजात का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, बच्चा पूर्णत: स्वस्थ है । जीआरपी अनूपपुर पुलिस द्वारा जाँच की जा रही है।

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