ग्राम बलपुरवा में पूर्व में दर्ज तालाब और भीटा आराजियां शासकीय भूमि घोषित

राजस्व अभिलेख में इन्द्राज करने के कलेक्टर ने जारी किए आदेश

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ललित दाहिमा द्वारा तहसीलदार सोहागपुर के प्रतिवेदन के अनुसार जिले के ग्राम पंचायत बलपुरवा में शासकीय भूमि पर मनमाने तौर पर किए गए अवैध कब्जो को शासकीय भूमि में दर्ज करने के आदेश जारी किए है।
यह है रकवा
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में ग्राम बलपुरवा में स्थित आराजी खसरा नम्बर 47 (नया खसरा क्र. 138/1, 138/1/2, 138/2, 138/3, 138/4, 138/5, 138/6, 138/7, 138/8, 138/9, 138/10, 138/11, 138/12 ) रकबा 0.69 एकड़ खसरा क्रमांक 49 (नया खसरा क्रमांक 141, 141/1, 141/2, 141/3, 141/4, 141/5, 141/6, 141/7, 141/8, 141/9, 141/10, 141/11/1, 141/11/2, 141/12, 141/13, 141/14, 141/15, 141/16, 141/17, 141/18, 141/19, 141/20 ) रकबा 1.17 एकड़ एवं खसरा क्रमांक 49/88 (नया खसरा क्रमांक 139, 139/1/1, 140, 139/1/2, 139/2, 139/3,139/4, 139/5, 139/6, 139/7, 139/8, 139/9, 139/10, 139/11, 139/12, 139/13, 139/14, 139/15, 139/16/1, 139/16/2, 139/17, 139/18/1, 139/18/2, 139/19, 139/20, 139/21, 139/22) रकबा 3.93 एकड़ को राजस्व अभिलेख में दर्ज करने के आदेश जारी किए है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार शासकीय राजस्व अभिलेख 1924-25 में तालाब, मेढ़ दर्ज अभिलेख है तथा तालाब, भीठा, जंगल भूमि का आंवटन तथा व्यवस्थापन करने का कोई वैधानिक प्रावधान कभी भी प्रभावशील नही था।
पट्टेदार न समझे जायेंगे
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ललित दाहिमा ने प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर एवं रीवा राज्य का कानूनी माल गुजारी तथा काष्तकारी अधिनियम 1953 के प्रावधानो के मद्देनजर जिसके अनुसार बाग की भूमि, चारागाह, तालाब, सरकारी बांध आदि में किसी भी पट्टेदार काश्तकार के अधिकार प्राप्त नही होंगे और न समझे जायेंगे, जो आराजी पूर्व में तालाब भीठा में दर्ज थी मध्यप्रदेश शासन की घोषित की है।
तालाब पर काश्तकार का हक नही
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा अनावेदक द्वारा लैखिक जवाब एवं तर्क प्रस्तुत किए जाने के पश्चात प्रकरण का अवलोकन किया तथा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1965 एवं विंन्ध प्रदेश माल गुजारी तथा काश्तकारी अधिनियम 1953 की धारा 149 एवं रीवा राज्य का कानून माल गुजारी काष्तकारी अधिनियम 1935 की धारा एवं धारा 43ग, तथा धारा 44 एवं 45 के अंतर्गत तथ्यों का अध्ययन करने के पश्चात यह पाया गया कि विन्ध प्रदेशमाल गुजारी तथा काश्तकारी अधिनियम 1953 की धारा 150 के अंतर्गत तालाब पर काश्तकार का हक नही होता। मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 1581(घ)(2) में भूमि स्वामी अधिकार किसी तालाब के भूमि स्वामी को प्राप्त न होने का उल्लेख किया गया है।
अभिलेख सुधार के निर्देश
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा मध्यप्रदेष भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 32 के अंतर्गत राजस्व न्यायालय को प्राप्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए ग्राम बलपुरवा में स्थित उपरोक्त आराजी को शासकीय घोषित करते हुए तहसीलदार सोहागपुर को राजस्व अभिलेख में सुधार करने के निर्देश दिए है। जारी आदेश के अनुसार जो आराजियां जो पूर्व में तालाब या भीठा में दर्ज थी। मध्यप्रदेश शासन तालाब एवं भीठा में दर्ज किया जायें।

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