शनि अमावस्या पर दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में हुई विशेष पूजन अर्चना, शहर में सुख शांति और निरोग की की गई कामना
शनि अमावस्या पर दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में हुई विशेष पूजन अर्चना, शहर में सुख शांति और निरोग की की गई कामना
कटनी ॥ शनि अमावस्या के अवसर पर शनिवार को श्रद्धालुओं ने शनि मंदिर, शिव मंदिर और हनुमान मंदिर में विशेष रूप से दर्शन कर पूजा अर्चना की। कमनियागेट स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में मंदिर के विशेष सेवादारो के द्वारा विशेष पूजा अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे कन्याओं को कन्या भोज कराने के साथ पूजा को प्रारंभ करते हुए हनुमन्त लाल जी को भोग प्रसाद अर्पित कर महाआरती की गई जिसमे सर्व प्रथम हनुमान चालीसा का पाठ एवं हनुमन्त लाल जी की आरती गाई गई जिसके पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया इस मौके पर लोगों को शरबत का भी वितरण किया गया, कार्यक्रम का आयोजन देर तक चलता रहा ! सभी श्रद्धालु भक्तों ने दक्षिण मुखी हनुमंत लाल जी महाराज महाराज का पूजन अर्चन कर अपने परिवार की कल्याण की कामना की । कहा जाता है कि शनि की साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान जी की शरण में जाना शुभ होता है. हनुमान जी को वरदान प्राप्त है कि उनकी आराधना करने वालों को शनि देव का प्रकोप तंग नहीं करता. इसी कारण शनि देव के साथ बजरंगबली की पूजा का भी विधान है. इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ के साथ लोगों ने बजरंगबली को सिंदूर लगाया हनुमान जी को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है, ऐसे में बजरंगबली की आराधना आपको सूर्य ग्रहण के प्रभाव से बचा सकती है.शनि अमावस्या पर लोगों ने वही शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाया और शाम के समय श्रद्धालुओं ने शनि ग्रह की शांति के लिए चींटियों को आटा डाला और मछलियों के लिए जलाशयों के पानी में खाद्य सामग्री डाली। सुबह से लेकर शाम तक शनि मंदिर में सरसों, तिल के तेल से शनिदेव की मूर्ति का अभिषेक किया गया। वहीं शनिदेव की मूर्ति के समक्ष लोहे की कील, कोयला, मिर्ची, नींबू, सिक्का आदि खुद पर तीन बार घुमा कर अर्पित किया गया। जिससे कि शनि ग्रह संबंधी दोष दूर हो सके। शनि अमावस्या के अवसर पर लोगों ने बहते पानी में नारियल बहा कर सुख शांति की कामना की।