भू माफिया शाहिद की चाबी से खुलेगा अवैध रेत खदान का ताला

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(शुभम तिवारी)

शहडोल। जिले में पूर्व में संचालित रेत खदानों की ठेका अवधि खत्म हो जाने के बाद किसी भी नए ठेकेदार के द्वारा अभी तक रेत खदान का ठेका नहीं लिया गया है, बावजूद इसके शहडोल मुख्यालय की बात करें या फिर गोहपारू, जयसिंहनगर, व्यवहारी देवलोंद या फिर धनपुरी और बुढार क्षेत्र की हर जगह अवैध रेत खदान धड़ल्ले से चल रही है, नए खनिज अधिकारी और स्थानीय थानों से सेटिंग कर खुलेआम रेत की निकासी हो रही है, अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग पुलिस की सेटिंग और स्थानीय नेताओं की सेटिंग के मार्फत अवैध निकासी का काम अब उफान पर है,जिले के दोनों छोर पर इन दोनों रेत की अवैध निकासी चर्चा का केंद्र बिंदु बनी हुई है।

एक तरफ देवलोंद थाना क्षेत्र अंतर्गत भाजपा के तथाकथित नेता के पुत्र और कुछ ठाकुर परिवारों के द्वारा प्रतिदिन 10 से 12 हाईवे रेत की अवैध निकासी की जा रही है, देवलोद थाने से यह पूरा खेल खुलकर हो रहा है। वहीं थाना क्षेत्र की सीमा से लगे सीधी जिले के सोन घड़ियाल क्षेत्र इन दिनों खनिज माफिया का अड्डा बना हुआ है,यहां से बड़े पैमाने पर रेत की अवैध निकासी होकर उसे रीवा होते हुए उत्तर प्रदेश के मंडियों में भेजा जा रहा है।

जिले के दूसरे दूसरे छोर में बुढार थाना क्षेत्र के ग्राम जरवाही का बटली घाट इन दोनों चर्चाओं में है, बीते सप्ताह ही यहां पुलिस अधीक्षक की टीम ने छापा मार कार्यवाही की थी, कई वाहनों को भी पकड़ा गया था, लेकिन एक बार फिर अवैध रेत की निकासी की चर्चाएं चरम पर है, पूर्व में जहां जहां गांव के ही अंकित और लोली नाम के दो युवक प्रति ट्रैक्टर ₹2000 पत्रकार और ₹5000 पुलिस के नाम पर वसूल कर या तो अपनी जेब में भर रहे थे या फिर तथा कथितों तक पहुंचाने का काम कर रहे थे, यह तो अलग मामला है लेकिन छापामार कार्यवाही के बाद जो नई तस्वीर उभर कर सामने आई है,उसमें बुढार क्षेत्र के शाहीद नामक भू माफिया ने अवैध रेत निकासी का जिम्मा उठाया है और जरवाही बटली घाट के अलावा कसेड़ घाट का अवैध ठेका होने का दावा कर रहे हैं, शाहिद के गुर्गों का दावा है कि उसके द्वारा पुलिस के साथ स्थानीय कलमकारों व नेताओं को मैनेज कर लिया गया है, इसके लिए शाहीद के गुर्गों ने जरवाही एवम पकरिया और इससे जुड़े बुढार तथा अन्य ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र के ट्रैक्टर और डग्गी मालिकों से संपर्क भी किया जा रहा है प्रति डिग्गी एक माह का पैसा तय किया गया है इसी तरह ट्रैक्टर का ₹20000 प्रति माह सेट किया गया है, इसके अलावा लगभग पांच हाईवे और 10 डग्गियां शाहिद के निर्देशन में उसके गुर्गे चलाएंगे।
गौरतलब है कि शाहिद के ऊपर पूर्व में भी भू माफिया की छाप पड़ चुकी है और अंचल में तथाकथित भू माफिया .. के नाम पर नाम कमा चुका है, शाहिद द्वारा जिस तरह कोयलांचल में खुलेआम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घाट से अवैध रेत निकासी के दावे किए जा रहे हैं, वह निश्चित चिंताजनक है, आने वाले दिनों में क्या होता है या तो अलग बात है लेकिन जरवाही का बटली घाट और कसेड़ घाट अवैध खनिज कारोबारी की शरणगाह बन चुकी है अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक का चाबुक कितना असर कारक होता है जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर इस संदर्भ में क्या पहल करते हैं यह तो आने वाला व्यक्ति बताया लेकिन खनिज संपदा का दोहन और नए-नए सूरमाओं का इस मैदान में कूदना अपराधों को तो जन्म देगा ही।

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