50 हज़ार की आई राशि फिर भी कच्चे मकान में रहने को मजबूर बैगा परिवार

उमरिया। पूरे देश में पीएम आवास योजना को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है। इस योजना को आरंभ करके सरकार चाहती है कि देश के हर बेघर परिवार के पास अपना खुद का घर हो। इसलिए साल 2015 से इस योजना के माध्यम से लाखों की तादाद में नागरिक लाभ ले चुके हैं। लेकिन उमरिया में इसका हल ही उलटा है
आवास के लिए 50 हजार की राशि भी आ गई साहब अब तो बनने दो मकान
सरकार विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति को आर्थिक और सामजिक उत्थान के लिए लाखों प्रयास कर रही है। बैगा जनजाति को प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के माध्यम से उन्हें आवास मुहैया कराकर और अन्य योजनाओं व सुविधाओं का लाभ देकर उनका समग्र विकास करना चाहती है। इसके लिए जिले के अधिकारी भी पूरी लगातार कार्य कर रहे हैं। लेकिन सरकार के सपनों पर ग्राम पंचायत करकेली कुछ जिम्मेदारों के कारण केंद्र एवं राज्य सरकार सपनों में पानी फेर रहे हैं ज़िम्मेदार आधिकारी
एक तरफ अधिकार दूसरी तरफ अत्याचार
ग्राम पंचायत करकेली की रहने वाली मनीषा बैगा और उसका परिवार कई वर्षों से कच्चे मकान पर अपने पति राजेंद्र बैगा और अपने छोटे छोटे बच्चो के साथ रहें रही हैं और उसके पक्के मकान के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 50 हजार की राशि ग्राम पंचायत करकेली के माध्यम से उनके खाते में भी पहुंच गया है लेकिन कुछ दबंग नेता और अधिकारियों के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना नहीं बन पा रहा है
बैगा महिला ने बताया अपनी बीती
मनीषा बैगा पति राजेंद्र बैगा ने बताया कि हमें प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत हुआ है एवं 50000 रुपये की राशि हमें आवास बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शासन के तरफ से 50 हज़ार दिया गया है जैसे ही हम काम चालू करते हैं तो कोई ना कोई अधिकारी और गांव वाले आकर काम रुकवा देते हैं क्योंकि मनीषा बैगा भूमिहीन है उसके पास कोई भूमि नहीं है लेकिन उसे आवास बनाने के लिए शासन के द्वारा राशि आवंटित की गई है वह करकेली ग्राम पंचायत में कई वर्षों से एक झोपड़ी में अपने परिवार के साथ छठ छाया बनाकर अपने पति और बच्चों के साथ रहे रही है अब उसको पक्का मकान बनने के लिए राशि तो मिल गई है लेकिन मकान नहीं बन पा रहा है अब वो जिला प्रशासन और जिले के मुखिया कलेक्टर से आपके सपनो को साकार करने के लिए और पक्के मकान के लिए मांग कर रही है मनीषा और उसका परिवार जिस जमीन मे कई वर्षों से रह रहे है उसमे पक्का मकान बनने को राशि तो आगे लेकिन अब साहब मकान भी बनवा दे।
इनका कहना है…
सरकारी जमीन में बनाने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए हमने मना किया था।
लक्ष्मी वर्मा तहसीलदार करकेली