आश्वासन के बाद समाप्त हुआ असोढ़ का अनशन

0

सीईओ की दुत्कार से अपमानित हुआ आदिवासी समाज

(अनिल साहू+91 70009 73175)
उमरिया। जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत ग्राम असोढ में बीती 26 अगस्त से चल रहा अनशन कल अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। तहसीलदार मानपुर रमेश पवार द्वारा अनशनकारियों को दूध पिला कर हड़ताल समाप्त कराई। इसके पूर्व कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी के निर्देश पर जांच दल ग्राम असोढ़ पहुंचा। इनमें तहसीलदार रमेश पवार, सीईओ मानपुर, नायब तहसीलदार अनुपम पांडेय सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।
ग्रामीणों से बातचीत
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत से निर्माण कार्यों, प्रधानमंत्री आवास, शासकीय भूमि सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं में व्यापक धांधली की गई है। जिसकी शिकायत जिला पंचायत और जनपद सीईओ को कई बार करने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई, फलस्वरूप उन्हें आमरण अनशन करना पड़ा है। जिसके बाद ग्रामीणों को उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हुए अनशनकारियों को दूध पिला कर हड़ताल समाप्त कराई गई। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा, त्रिभुवन प्रताप सिंह, जिला पंचायत सदस्य अमरू कोल, मौजीलाल चौधरी, राममोल कोल, विश्वनाथ पटेल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन और ग्रामीण उपस्थित थे।
आदिवासियों का हुआ अपमान
जांच दल को दिए लिखित बयान में ग्रामीणों ने बताया कि प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बी.के. पांडेय के पास जब वे इस मामले की शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने आदिवासियों के संबंध में अपशब्द कहते हुए अपने कार्यालय से बाहर भगा दिया। उनके इस व्यवहार से समूचे आदिवासी समाज का अपमान हुआ है।
ले ली रिश्वत
ग्रामीणों ने बताया कि असोढ़ में हुए भारी भ्रष्टाचार को सीईओ जिला पंचायत बी.के. पांडेय का संरक्षण प्राप्त है। इस मामले को दबाने के लिए उन्होंने आरोपी सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक से ढाई लाख रुपये की रिश्वत ली है। कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने असोढ़ में कई गई जांच और पूछताछ की वीडियोग्राफी कराई। सूत्रों के मुताबिक इस मामले की रिपोर्ट कलेक्टर को प्रस्तुत किये जाने के बाद आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed