कॉल डिटेल से उजागर हो सकते है पशु तस्करों के नाम?

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हर थाने से है 500-500 की सेटिंग 

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। पशु तस्करी के खेल को पुलिस रोक नहीं पा रही है, इस कारण पशु तस्करी का धंधा जोरों पर है। खबर है कि कोतमा भाई जहां पशु तस्करों को पशु उपलब्ध कराते हैं, वहीं शहडोल जिला मुख्यालय के चीता में पदस्थ आरक्षक तस्करों के रहनुमा बने हुए हैं। पूर्व में पुलिस अधीक्षक कुमार सौरभ के कार्यकाल के दौरान कथित आरक्षक को गोहपारू में पदस्थ रहने के दौरान इन्हें यहां से हटाकर पपौंध भेज दिया गया था, सूत्रों का कहना है कि सेटिंग में माहिर कथित आरक्षक ने मुख्यालय में अपनी पकड़ का फायदा उठा मुख्यालय के थाने में अपनी पदस्थापना करवा ली, खबर है कि पूर्व में मिलने वाले नोटों के फेर में कथित आरक्षक फिर वापस वहीं जाना चाह रहे हैं। जिसके लिए साहब ने लगभग सेटिंग पूरी कर ली है।
500 रूपये प्रति वाहन
उत्तरप्रदेश के कत्लगाह जाने वाले मवेशियों के वाहन जिले के लगभग थाना क्षेत्र होकर निकलते हैं, इसके अलावा उड़ीसा से छत्तीसगढ़ होते हुए प्रदेश के रास्ते गांजे की खेप भी गुजरती है, यह पूरा तस्करी का खेल वरिष्ठ अधिकारियों की आंखों में धूल झोंखकर खेला जा रहा है, खबर है कि उक्त थानोंं में पदस्थ न रहने के बाद भी प्रति वाहन से 500 रूपये की वसूली कथित पुलिस कर्मी द्वारा की जा रही है।
विवादों से पुराना नाता
गोहपारू थाने में पदस्थ रहे कथित आरक्षक पपौंध में रहने के दौरान कभी मन थाना में नहीं लगा, पूर्व में इन्हीं आरोप के चलते कथित आरक्षक का तबादला कर दिया गया था, सूत्रों का कहना है कि अगर यूसुफ और खान नामक कथित आरक्षक की कॉल डिटेल निकाली जाये तो, खाखी में लग रहे दाग साफ हो सकते हैं। मामले में कितनी सत्यता है यह जांच से खुलकर सामने आ सकता है।

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