खबर का असर : सांझी रसोई ने भरे प्रवासी मजदूरों के पेट @ प्रशासन का पता नहीं

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(शम्भू यादव & प्रकाश जयसवाल)
शहडोल । अभी से कुछ घंटे पहले उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सड़क मार्ग के माध्यम से कई साधनों के बाद शहडोल मुख्यालय पहुंचे छत्तीसगढ़ के जोगीपुरा गांव के 2 दर्जन से अधिक ग्रामीण बच्चे महिलाएं व पुरुष यहाँ पहुँचे थे , जिनके सामने पेट भरने की समस्या और उन्हें उनके घर तक जाने की समस्या को लेकर कुछ घंटे पहले हाल ए हलचल टीम द्वारा खबर सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में लाई गई थी, यह खबर संज्ञान में आने के बाद ही जिला मुख्यालय में पूरे lock-down के दौरान प्रवासी मजदूरों सहित निराश्रित और अन्य को भोजन, कपड़े, जूते- चप्पल आदि जरूरत की चीजें उपलब्ध कराने वाले सांझी रसोई नामक संस्था के द्वारा इसे संज्ञान में लिया गया ।

थोड़ी देर पहले ही सांझी रसोई के सदस्य बाईपास चौराहे पहुंचे, यहां उन्होंने बच्चों को दूध के अलावा खाने की वस्तुएं उपलब्ध कराई, वहीं महिलाओं और पुरुषों को भी भोजन आदि की सामग्री उपलब्ध कराई गई।

रसोई के सदस्यों ने बताया कि प्रवासी मजदूरों व उनकी महिलाओं और बच्चों को दूध आदि दिया गया है, साथ ही अब उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भी सांझी रसोई की ओर से प्रयास किए जाएंगे।

काला सच : भूखे पेट, नंगे पांव @ छग के जोगीपुरा के प्रवासी पहुंचे शहडोल

http://halehulchal.com/काला-सच-भूखे-पेट-नंगे-पांव/

 

 

सांझी रसोई ने तो लॉकडाउन के बीते 100 दिनों के दौरान हर दिन अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया, यह किसी से छुपा नहीं है, लेकिन आपदा राहत कोष सहित अन्य कई मदों में शासन द्वारा भारी-भरकम राशि खर्च करने की जिम्मेदारी लेकर बैठे जिले के नौकरशाह अभी भी इस मामले में सामने नजर नहीं आए हैं, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से यह खबर उन तक न पहुंची हो यह संभव नहीं है, बावजूद इसके जिन लोगों को राज्य सरकार ने मोटा वेतन देकर यहां की जिम्मेदारी सौंपी है,अपनी जिम्मेदारी किस तरह से निर्वहन कर रहे हैं सबके सामने हैं।

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