संभागीय मुख्यालय में आज भी दर्जनों सूदखोर

ब्याजखोरों पर नकेल कसने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से मांग
शहडोल। सूदखोरों के आगे कानून बौना हो गया है, ब्याज पर रुपया उठाने के नियम ताक पर रख दिए गए हैं। साहूकारी विनियमन अधिनियम की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। संभागीय मुख्यालय में दीपक नामक सूदखोर ने प्रभात को मोहरा बनाकर रेलवे के कर्मचारियों सहित अन्य लोगों को सूद पर पैसा दिया है, मुख्यालय के ही अशोक, ए.के.गुप्ता, गौरव, प्रभात, बब्लू, बब्बू, अकील, शैलेन्द्र, प्रदीप, बबुआ, संतोष टेढ़का, मनीष नामक सूदखोरों के खिलाफ शिकायत न मिलने से अब तक कार्यवाही नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से आज भी कई लोगों इनका ब्याज चुकाते परेशान हैं।
हाईटेक पुलिस को चकमा
पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को सख्त हिदायत दी थी कि क्षेत्र में सूदखोरों पर अंकुश लगाया जाये, जिसके बाद कोयलांचल में नामचीन सूदखोरों पर नकेल भी कसी गई थी, कथित ब्याज खोरों द्वारा गुर्गाे के माध्यम से धमकी देकर वसूली भी करवाई जाती है, ऐसा नहीं है कि यह कोई नया मामला है, बीते दिनों ही पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिलने पर एक सूदखोर के खिलाफ कप्तान के निर्देशन में कार्यवाही हुई थी, लेकिन दर्जनों सूदखोर आज भी हाईटेक हो चुकी पुलिस को चकमा देकर संभागीय मुख्यालय में सूद पर पैसा चला रहे हैं और पुलिस को शिकायत का इंतजार है।
वेतन के दिन बैंक के बाहर
ब्याजखोर राशि देने के साथ ही पीडि़त से कई ब्लैंक चेक, एटीएम कार्ड व बैंक की पासबुक तक रख लेते हैं। शासकीय सेवक होने पर वेतन खाते में जमा होते ही एटीएम या चेक लगाकर राशि सीधे सूदखोर निकाल लेते हैं। इसके चलते वेतन वाले दिन बैंकों के आस-पास ब्याज खोरों की जमात दिन भर खड़ी दिखाई देती है। सूदखोरों का ब्याज 5 से 10 प्रतिशत तक होता है, वहीं प्रतिदिन की किस्त तय करने के बाद नहीं देने पर पैनाल्टी के नाम पर अलग से वसूली की जाती है। जागरूक लोगों नवागत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश चंद्र सागर से मांग की है कि जांच दल गठित कर सूदखोरों के खिलाफ मुहीम चलाकर संभागीय मुख्यालय से सूद के कोढ़ को खत्म कराया जाये।