मूल्य वृद्धि एवं निरंकुश महंगाई पर अंकुश लगे : भारतीय मजदूर संघ

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शहडोल। भारतीय मजदूर संघ जिला मंत्री आनंद सिंह ने मांगों के सम्बन्ध में बताया कि उपभोक्ता महंगाई आम जनता के साथ-साथ श्रमिकों ,कर्मचारियों को विशेष तौर पर प्रभावित कर रही है। विगत 18 माह से महंगाई दर 6 प्रतिशत की सीमा पर कर चुकी है, जबकि पिछले 5 वर्षों में महंगाई दर 3 से 5 प्रतिशत के बीच रही है, खाद्य पदार्थों एवं दवाइयों के मूल्यों में तीव्र वृद्धि ने जनता एवं श्रमिकों/कर्मचारियों का जीवन कठिन बना दिया है।भारतीय मजदूर संघ की केंद्रीय कार्यसमिति ने उपरोक्त विषयों पर गुरुवार को समूचे भारतवर्ष के प्रत्येक जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले भारत के प्रधानमंत्री एवं प्रदेशों के मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा।

ये रही प्रमुख मांगे
भारतीय मजदूर संघ जिला मंत्री आनंद सिंह ने ज्ञापन द्वारा मांग की गयी मांगो के सम्बन्ध में बताया कि उत्पादनकर्ता द्वारा प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा को अनिवार्य करने का कानून बनाकर इसे लागू किया जाये। आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी पर नियंत्रण रखा जाये । पेट्रोलियम पदार्थों के प्रतिदिन कीमत निर्धारण पद्धति का समापन करना और पेट्रोलियम पदार्थों को (जी.एस.टी.) के दायरे में लाया जाये।

मूल्यों पर नियंत्रण आवश्यक
धातुओं एवं अन्य वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोत्तरी के कदम बहाने द्वारा व्यक्तियों एवं कंपनियों का गैर वाजिब लाभ रोकना और इस तरह के मामलों में दोषी व्यक्तियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई कराई जाए ।किसानों को पारिश्रमिक भुगतान द्वारा खाद्य पदार्थों के उत्पादन में बढ़ोतरी हेतु ठोस कदम उठाया जाय। खाद्य तेलों, दालों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के संदर्भ में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खाद्य पदार्थों के मूल्यों पर नियंत्रण आवश्यक है । इस हेतु लंबी अवधि के लिए योजना बनाई जाये ।

बेतहासा महंगाई पर लगे रोक
सार्वजनिक क्षेत्रों एवं निजी क्षेत्रों तथा स्कीम वर्कर्स अर्थात तीनों प्रकार के श्रमिकों,कर्मचारियों,स्कीम वर्कर्स के वेतन बढ़ाकर, महंगाई की क्षतिपूर्ति हेतु ठोस कदम उठाया जाय। आवश्यक वस्तु अधिनियम 3(1) में कई गई उपरोक्त छूट को तुरंत वापस लिया जाये, क्योंकि वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3(1) में से खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, प्याज और आलू को मुक्त कर दिया है, जिससे सरकार की भावना किसानों की मदद की हो सकती है, परंतु इसका लाभ सटोरियों और काला बाजारियों ने उठाया और बाजार में इसकी कृत्रिम कमी करके इन्होंने इनके मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि भी किये हैं और मालामाल हो गए हैं।

मजदूर हित के लिए काम करता रहेगा संगठन
इन महत्वपूर्ण मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ शाखा शहडोल द्वारा अखिल भारतीय कार्यकारिणी और मध्य प्रदेश के महामंत्री के दिशा निर्देश में ज्ञापन देकर मांग की है कि केंद्र सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार सभी आठ सूत्रीय मांगों को सहानुभूति पूर्वक स्वीकार कर तत्काल भारत की जनता,किसान,कर्मचारी, आदि सभी लोगों को उत्पन्न संकट से निजात दिलाया जाये।क्योंकि भारतीय मजदूर संघ राष्ट्र हित, उद्योग हित,इसके बाद मजदूर हित को लेकर ही कार्य करता है और करता रहेगा। भारतीय मजदूर संघ के केन्द्रीय कार्यकारणी की बैठक अयोध्या उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुई। जिसमें कोरोना के महामारी के लगातार फैलने के बाद औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट, आर्थिक कार्यकलापों के क्षरण और बढ़ती हुई बेरोजगारी वेतन कटौती और अब आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढोत्तरी को लेकर गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री एवं प्रदेशों के मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। भारतीय मजदूर संघ के आवाहन पर भारतीय मजदूर संघ से संबंधित सभी यूनियन जिसमे रेलवे ,कोयला ,बिजली ,सफाई ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,मजदूर संघ सहित अन्य उपस्थित रहें।

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