मंदिर में लगा रहता है आसामजिक तत्वों का जमघट

बाणगंगा मंदिर में साफ सफाई का अभाव, खुली में पड़ी है प्राचीन धरोहर
शहडोल । अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के कारण बाणगंगा मंदिर की आम जन मानस के प्रति बहुत आस्था है । इसी बात को ध्यान में रखकर नगरपालिका में मंदिर के बगल में पार्क का भी निर्माण कराया जिसमे आम जन के बैठने और वक्त गुजारने की व्यवस्था भी की । हलाकि कोरोना महामारी के कारण लम्बे समय से यह पार्क नहीं खुल रहा है। वर्तमान में यह मंदिर असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गया है। जिससे इस इलाके के श्रद्धालुओं को पूजा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि बाणगंगा के इस ऐतिहासिक मंदिर में जब से कमरे और बगल में पार्क का निर्माण हुआ है आये दिन आसामजिक तत्व मंदिर में घुस जाते है और नशा आदि कर मंदिर की पवित्रता को हानि पहुंचते है।
मुंह बांधकर मंदिर में घुसते है असामाजिक तत्व
मंदिर में मुँह में कपडा बांध कर युवक युवतिया आ जाते है और यहाँ बनी धर्मशाला में बैठे रहते हैं जिससे मंदिर का माहौल और गरिमा खऱाब हो रही है । बगल के मंदिरों में भी दिनभर गंजेडिय़ों नशेडिय़ों की जमघट लगा रहता है जिससे दिन ब दिन मंदिर की प्रतिष्ठा धूमिल होती जा रही है। इन लोगो को मन करने पर ये आसामाजिक लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं और पूरी बेशर्मी के साथ मंदिर प्रांगण में प्रेमालाप करते देखे जा सकते है जो बहुत ही दुखदाई स्थिति है। इन मंदिरों में पूजा-अर्चना करने आने वाले खासकर महिला श्रद्धालु मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना को लेकर कतराने लगे हैं। शाम हो या सुबह दिनभर इन मंदिरों में असामाजिक तत्व शराब व गांजे के नशे में धुनी रमाए रहते हैं। जिससे खासकर महिला श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने में असहज महसूस करने लगी हैं।
कुंड का पानी हुआ प्रदूषित
बाणगंगा के कुंड की भी सफाई बहुत दिनों से नहीं होने के कारण कुंड का पानी भी प्रदूषित हो गया है। जिसके कारण यह पानी पीने तो दूर नहाने के भी लायक नहीं रह गया है कुंड के पास की गई बोरिंग के कारण कुंड के स्रोत का जल भी बंद हो गया है जिसके कारण इस कुंड में पानी का उद्गम बंद हो गया है। प्राकृतिक स्रोत बंद होने के कारण कुंड का जल उपयोग के लायक नहीं रह गया है
खुले में खऱाब होरही विरासत
मंदिर में कई प्राचीन मूर्तियां और अवशेष रखे हुए है जो प्राचीन धरोहर है जिसमे शिव लिंग ,चक्र , मूर्तियां , स्तम्भ आदि रखे हुए हैं । ऐतिहासिक दृष्टि से इन प्रतिमाओं का बहुत महत्त्वा है जिन्हे इस मंदिर में युहीं खुला रख दिया गया है खुले में ये मूर्तियां पानी धूप में पङेपडे खऱाब हो रही हैं जिसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है और मंदिर परिसर में कोई सुरक्षा कर्मी न होने के कारण चोरी की संभावना हर समय बनी रहती है , मंदिर के पुजारी ने बताया की पूर्व में भी मंदिर में चोरी हो चुकी है इस घटना में मुख्य मंदिर की राम दरबार की शत्रुघ्न और हनुमान जी की अष्ट धातु की प्रतिमा शामिल है।