बिना बिल के बिक रही शराब

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नियम-कायदों की उड़ रही धज्जियां

शहडोल। जिले के शराब दुकान क्रमांक 2 पर इन दिनों लगातार 2-2 नियम पर शराब की बिक्री की जा रही है। अगर कोई ग्राहक बिना बिल के शराब लेने जाता है तो उसे 700 रुपये कीमत पर शराब की एक ब्रांड जिसका नाम रॉयल स्टैग है, उसे प्रदान किया जा रहा है और वहीं ग्राहक जब शराब दुकान के संचालक से बिल की मांग करता है तो, वही शराब की कीमत 1000 रुपए की हो जाती है। एक ही दुकान पर 2-2 नियम कैसे जारी हो सकता है। फिलहाल यह तो जांच का विषय है और इस जांच के लिए जिले के आबकारी अधिकारी को आगे आना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में ग्राहकों के साथ हो रहे अन्याय के साथ-साथ शासकीय दारू खरीदने वाले ग्राहकों पर सुरक्षा की गारंटी भी नहीं दी जा सकती ।
शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने मूल्यों एवं कीमतों पर सुनिश्चित स्थापित करने के साथ ही (जहरीली) अवैध शराब बेचे जाने पर आजीवन कारावास तक के दंडात्मक नियम बनाए हैं। शराब विक्रेताओं को ग्राहकों को बिल प्रदान करने पर कड़ाई से पालन करवाने के लिए जिला आबकारी अधिकारी को आदेश जारी किए गए हैं, इन सब नियमों को दरकिनार करते हुए शराब दुकान क्रमांक 2 पर आबकारी अधिकारी के गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के कारण यहां पर बिना बिल के शराब सेल्समैन द्वारा बेची जा रही है। अगर किसी व्यक्ति की शराब पीने से मौत हो जाती है, तो जहरीली शराब है या फिर ठेके से लिया गया है, यह बात प्रमाणित कैसे हो पाएगी। फिर तो सरकार द्वारा बनाए गए नियम-कायदे धरे के धरे रह जाएंगे और मृतक को न्याय नहीं मिल पाएगा। बहर हाल इस समय बगैर बिल के शराब की कीमत कम है और बिल लेने पर प्रति बोतलों पर कम से कम 3 से लेकर 400 तक अधिक देने पड़ रहे हैं, साथ ही शराब कारोबारी द्वारा ग्राहकों को बिल न देकर पैकारी के काम को बखूबी अंजाम भी देने की चर्चा इनदिनों फिर सरगर्म हो चली है। संभाग के प्रमुख जगहों पर शहर के शराब की दुकानों पर प्रदेश के मुखिया के आदेशों का पालन नहीं हो पा रहा है, तो आप ग्रामीण, नगरीय क्षेत्रों पर संचालित हो रहे शराब की दुकानों को किस तरह से बिल के लिए बाध्य कर सकते हैं। जबकि मुख्यालय में प्रमुख अधिकारियों का जमावड़ा बने रहने के बाद भी शराब दुकान के संचालक बिल काट कर नहीं देते हुए, बिना बिल के सस्ती शराब बेच रहे हैं। जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि शराब खरीदने वाले ग्राहक को बिल देना अनिवार्य होगा। देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के संचालकों को बिना बिल के शराब नहीं बेचने का भी आदेश को कड़ाई से पालन करने की बात कहीं गई है और इन सब को नियम में बांधे रखने के लिए जिला आबकारी अधिकारी को स्पष्ट आदेश भी जारी किए गए। सूत्रों की माने तो इन सबके बावजूद शराब दुकान के ठेकेदारों के साथ सांठ-गांठ करते हुए आबकारी विभाग के समस्त स्टाफ एवं आबकारी अधिकारी अपने महीने का किस्त बनाकर सभी शराब की दुकानों से वसूलते हैं, इसलिए सरकार के द्वारा निकाले गए नियम को धता बताते हुए दुकान संचालकों को मनमानी करने की खुली छूट भी दे रखे हैं।
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