तो क्या पंचायतों में भ्रष्टाचार के लिए जनपद है जिम्मेदार

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बंद फर्म को 10 पंचायतों ने किया लाखों का भुगतान

ओम प्रकाश जोशी की फर्म ने वाणिज्य कर चोरी का खेला-खेल

जांच से पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार से उठेगा पर्दा

शहडोल। संभाग के अनूपपुर जिले की मुख्यालय की ही अनूपपुर जनपद के दस्तावेज उठाकर देखा जाये तो, विकास के नाम पर करोड़ो रूपए सिर्फ कागजों में खर्च कर दिये गये, पंचायत और जनपद से लेकर जिला पंचायत तक के जिम्मेदार उस सचिव को ही काबिल मानते है, जो भ्रष्टाचार करने की दक्षता को पूर्ण करता हो, शायद यही कारण है कि रेऊला, ऊरा, मलगा, फुलकोना, आमाडांड, खोडरी नंबर-1, लामाटोला, बेलियाबड़ी, पोड़ी सहित बंडी में ओमप्रकाश जोशी छपानी पोस्ट लामाटोला की बंद फर्माे को भुगतान तो किया ही, साथ ही मजे की बात तो यह है कि क्रय नियमों तक की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई और वर्तमान तथा तत्कालीन जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने कभी भी इन पंचायतों की जांच कर कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई।
कायदों की उड़ाई धज्जियां
प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास कार्यों के लिए लाखों करोड़ों रुपए गरीब जनता के लिए पंचायतों को दे रही है, मगर क्या गरीबों को योजनाओं का लाभ जनपद पंचायत दे पा रही हैं, जनपद पंचायत अनूपपुर की ग्राम पंचायत देवरी, छपानी, खोडरी नंबर-02, ऊरा, मलगा, आमाडांड, फुलकोना, पोड़ी, लामाटोला, रेउला में 2019-20 के दौरान लाखों रूपये के बिल ओम प्रकाश जोशी की फर्म को किया गया है, चर्चाओं की अगर माने तो, इन बिलों की अगर जांच हुई तो, पंचायत के जिम्मेदार जहां एक ओर क्रय नियमों के उल्लंघन में फंसते नजर आयेंगे, वहीं दूसरी ओर फर्म संचालक द्वारा वाणिज्य कर विभाग के कायदों की धज्जियां उड़ते नजर आयेगें।
वाणिज्य कर विभाग ने लिया संज्ञान
पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों के लिए मटेरियल सप्लाई करने वाली फर्में जीएसटी चोरी करने के लिए बोगस बिल का उपयोग कर रही हैं। बिलों जीएसटी का कॉलम तो होता है, लेकिन उसमें भरा कुछ नहीं जा रहा। पूछने पर कहा जाता है कि राउंडफिगर बिल दिया है। ओम प्रकाश जोशी की बंद फर्म को पंचायतों के जिम्मेदारों ने पूर्व में बिना पड़ताल किये पास कर दिया, वहीं वाणिज्य कर विभाग अब इस मामले में संज्ञान लेने की तैयारी में है, चर्चा है कि जनपद के जिम्मेदार इस मामले में सचिवों को बचाने की जुगत में लगे हैं।
10 पंचायतों में लाखों का भुगतान
पंचायतें भी बिना पड़ताल किए बिल पास कर देती हैं, ओम प्रकाश जोशी की फर्म ने रेऊला, ऊरा, मलगा, फुलकोना, आमाडांड, खोडरी नंबर-1, लामाटोला, बेलियाबड़ी, पोड़ी सहित बंडी में बिल लगाये हैं, ये रेत, गिट्टी, सरिया, सीमेंट आदि के थे। बिलों की पड़ताल में सामने आया कि सीमेंट पर 28 प्रतिशत, सरिये में 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, खबर है कि फर्म दिखावे के लिए बिल में 5 प्रतिशत जीएसटी ही जोड़ रही है। ये सीधे-सीधे जीएसटी चोरी को उजागर करता है। कुछ बिल तो बिना जीएसटी के दिए जा रहे हैं। फर्म संचालक द्वारा फर्म का रजिस्ट्रेशन कैंसल होने के बावजूद लगभग 10 पंचायतों में 1 करोड़ 72 लाख 78 हजार 937 हजार का भुगतान अपने खाते में लिया।
टैक्स की हुई चोरी
रेऊला, ऊरा, मलगा, फुलकोना, आमाडांड, खोडरी नंबर-1, लामाटोला, बेलियाबड़ी, पोड़ी सहित बंडी पंचायत में मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में काम धड़ल्ले हुए हैं। ओम प्रकाश जोशी की फर्म ने लगभग 1 करोड़ 72 लाख 78 हजार 937 हजार रूपये के लगभग आधा सैकड़ा बिल बनाकर लगाये, इनमें सिर्फ क्वांटिटी व राशि दर्ज की है, उस पर लगने वाले टैक्स की कोई जानकारी नहीं दी है। 12 मार्च 2019 को फर्म के रजिस्ट्रेशन कैंसल रहने के दौरान ओम प्रकाश जोशी की फर्म ने ग्राम पंचायत फुलकोना में सीमेंट 200 बोरी प्रति बैग 260, गिट्टी , रेत, ईंट, लोहा का बिल सभी सामग्री की कीमत जोड़कर 3 लाख रूपये का दिया, इसमें जीएसटी शो ही नहीं की गई, सिर्फ राउंडफिगर का बिल पंचायत को दिया, इस बिल में 80-90 हजार रूपये जीएसटी बनती है, जो शासन को मिलने के बजाय संबंधित फर्म की जेब में चली जाती है। अगर अन्य बिलों के आंकड़े देखें तो जीएसटी चोरी लाखों में जा सकती है।
कार्रवाई शिकायत पर होगी
जानकारों की माने तो जो बिल अधूरे होते हैं और जिनमें जीएसटी नंबर, टैक्स की राशि का उल्लेख नहीं होता है, वो फर्जी माने जाते हैं। वैध बिलों में सबकुछ दर्ज होता है। कितना माल बेचा, कितना टैक्स कटा आदि। अगर फर्में ऐसे बिल उपयोग कर रही हैं तो, जीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें जितनी राशि टैक्स की बनती वह पूरी उनसे वसूले जाने का प्रावधान है। वहीं इस मामले में वाणिज्य कर विभाग के निरीक्षक देवेन्द्र सिंह टेकाम द्वारा बताया गया कि उक्त मामले को विभाग ने संज्ञान में लिया है, जल्द ही फर्म संचालक को नोटिस जारी किया जायेगा, लेकिन मजे की बात तो यह है कि पूरे मामले में जब अनूपपुर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की जाती है तो, वह इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आते हैं।
फर्म संचालक पर दर्ज होना चाहिए अपराध
अनूपपुर जनपद पंचायत की रेऊला, ऊरा, मलगा, फुलकोना, आमाडांड, खोडरी नंबर-1, लामाटोला, बेलियाबड़ी, पोड़ी सहित बंडी में ओमप्रकाश जोशी छपानी पोस्ट लामाटोला जिला अनूपपुर द्वारा दो फर्माे का रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें एक फर्म का रजिस्ट्रेशन 01 जुलाई 2017 को कराया गया और उक्त फर्म का रजिस्ट्रेशन कैंसल 27 अप्रैल 2018 को हो गया, वहीं दूसरी फर्म का रजिस्ट्रेशन 19 अक्टूबर 2019 को कराया गया, लेकिन इस बीच कथित फर्म संचालक द्वारा पूर्व में बंद हुए जीएसटी का सहारा लेकर 27 अप्रैल 2018 से 19 अक्टूबर 2019 के बीच लगभग आधा सैकड़ा बिल लगाये गये, जिसमें 10 पंचायतों में लगभग 1 करोड़ 72 लाख 78 हजार 937 हजार का भुगतान अपने खाते में लिया। इस मामले में जहां वाणिज्य कर विभाग ने संज्ञान लिया है, वहीं पंचायतों को धोखे में रखकर बिल जीएसटी नंबर का सहारा लेने के एवज में फर्म संचालक के खिलाफ थाने में जनपद, पंचायतों सहित वाणिज्य कर विभाग को धोखाधड़ी का भी अपराध दर्ज कराना चाहिए।
मामला हमारे संज्ञान में है, जल्द ही फर्म संचालक को नोटिस जारी कर दस्तावेज तलब किये जायेंगे।

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