सचिव-सरपंच ने तालाब निर्माण में लगाये फर्जी बिल 

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उमरिया। जिले की जनपद पंचायत करकेली की ग्राम पंचायत उजान में पदस्थ सचिव व सरपंच के द्वारा इस पंच-वर्षीय में कराए गए निर्माण कार्याे में फर्जी बिल लगाकर अवेध तरीके से राशि निकाल कर जमकर भ्रष्टाचार किया है, शिकायत में उल्लेख किया है कि राम-कृपाल के खेत के पास बरहाई नाला तालाब निर्माण, मंगल सिंह के खेत के पास वाटर-हार्वेस्ंिटग टैंक निर्माण, बुल्ला  के खेत के पास तालाब निर्माण एवं अन्य तालाब निर्माण में लगाए गए पिचिंग स्टोन जंगल एवं गांव के ही नाले से निकाले गए सफेद पत्थर का उपयोग किया गया है, जो कि भुर-भुरी एवं घुलनशील है और निर्धारित गुणवत्ता को पूरा नहीं करते हैं।
कमिश्नर को दी गई शिकायत में उल्लेख है कि सरपंच-सचिव द्वारा उजान खेर माता के पास एक स्टाप डैंम बनाया गया है, जिसकी बिंग बाल में सरिया ही नहीं लगाई गई है, नीचे बेस ही नहीं बनाया गया है न ही राड लगी है, जिसके कारण नीचे से पूरा पोल दिख रहा है। सचिव-सरपंच द्वारा निर्माण कार्य में राशि 5 लाख 15 हजार 766 रूपये फर्जी बिल लगाकर आहरण कर लिया गया है।  ग्राम पंचायत में जो बिल लगाए गए हैं, सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा उक्त खरीदी में म.प्र. भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन करते हुए नियम विरूद्ध खरीदी की गई है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद स्तर के अधिकारियों को नहीं है।
ग्राम पंचायत उजान में बुल्ला के खेत के पास तालाब निर्माण में पिचिंग स्टोन के नाम पर बिल क्रमांक 202 में 94 हजार 164 रूपये एवं ओंमकार सिंह के खेत के पास तालाब निर्माण में बोल्डर 50 एमएम, 200 एमएम बिल क्रमांक 177 व 178 में 1 लाख 21 हजार 812 रूपये, धीरज बैगा के खेत के पास तालाब निर्माण के लिए पिचिंग स्टोन के नाम पर बिल क्रमांक 201 में 81 हजार 572 रूपये, मंगल सिंह के खेत के पास डब्ल्यूएचटी पिङ्क्षचग स्टोन के लिए बिल क्रमांक 258 व 259 में 65 हजार 889 रूपये, बंूद राम के खेत के पास लघु तालाब निर्माण पिचिंग स्टोन के लिए बिल क्रमांक 189 में 71 हजार 728 रूपये एवं राम कृपाल सिंह के खेत के पास बरहाई नाला में डब्ल्यूएचटी निर्माण के नाम पर बोल्डर 50 एमएम, 200 एमएम बिल क्रमांक 252 में 80 हजार 601 रूपये का भुगातन किया गया है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया कि मनरेगा के कई निर्माण कार्य है, जो मनरेगा पोर्टल में नहीं दिख रहे हैं, इनके द्वारा कराये गए सभी तालाब कार्याे के केवल 50 एमएम एवं 200 एमएम के पिचिंग बोल्डरों के बिल देखें जाएं तो, कई लाखों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है, क्योंकि इनके द्वारा बोल्डर खरीदे  नहीं जाते हैं, बल्कि गांव से लगे नाला से खोद लिए जाते हैं, मौके का मुआयना किया जाता है।  इसके अलावा गांव में सीसी रोड का निर्माण कार्य कराया गया है, वह सभी गुणवत्ता विहीन और निर्धारित मापदंड में नहीं है, उदाहरण के लिए एक सीसी रोड जो पलटू राम के घर से बनाई गई थी, जो कि 6 माह में ही पूरी तरह से उखड़ गई, उक्त मामले अगर जांच हुई तो, उजान के सरपंच व तत्कालीन सचिव शैलेन्द्र गुप्ता के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और अनियमितता का पिटारा खुलकर सामने आ सकता है।

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