मेरी मर्जी की तर्ज पर नजूल की भूमि पर बना दिया वेयर हाउस सो रहे राजस्व विभाग के जिम्मेदार
शहडोल। जिले की बुढ़ार तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पकरिया में बीते कुछ माह पहले साउथ वेस्ट पिनेकल नामक कंपनी ने अपना वेयर हाऊस बनाया और कुछ निजी स्वामित्व की भूमि पर काम शुरू किया, धीरे-धीरे कंपनी ने नजूल की भूमि पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया और यहां पर एक विशाल वेयरहाउस का निर्माण कर दिया। वेयरहाउस 4 के नाम पर पकरिया में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर लगभग स्थाई जैसा निर्माण कर दिया गया है, जिस स्थान पर निर्माण हो रहा है , वहां से तहसील कार्यालय की ही दूरी 3 से 4 किलोमीटर ही होगी, मुख्य मार्ग पर ही गांव स्थित है और तहसील में पदस्थ आरआई और इस क्षेत्र के पटवारी का लगातार यहां आना होता है।
यह वही गांव है जहां बीते वर्ष देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे काफिले के साथ आए थे और आम के पेड़ के नीचे बैठकर गांव की तासीर को समझा था, प्रधानमंत्री के आने के बाद यह माना जा रहा था कि प्रदेश में दो दशकों से भारतीय जनता पार्टी इस गांव को मॉडल गांव के रूप में निर्मित करेगी, लेकिन जिस तरह से ग्राम पंचायत पकरिया में बड़ी-बड़ी कंपनियां आकर अपने स्टाल स्थाई पक्का निर्माण बना रहे हैं, उससे गांव का विकास तो, शायद ही हो, लेकिन दोहन जरूर हो रहा है।
ऐसा नहीं है कि नजूल की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध नहीं जताया, ग्राम पंचायत पकरिया के द्वारा इस आशय की शिकायत स्थानीय तहसील कार्यालय से लेकर एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय तक दी गई है, बावजूद इसके तहसील और राजस्व विभाग में बैठे जिम्मेदार साउथ वेस्ट पिनेकल कंपनी के वेयरहाउस क्रमांक 4 एक्सप्लोरेशन पकरिया को लेकर शांत बैठे हैं।
रिलायंस सीबीएम के बाद लगातार हो रहा दोहन
ग्राम पंचायत पकरिया ही नहीं बल्कि इससे सटे आधा दर्जन गांव का दोहन रिलायंस के आने के बाद शुरू हो गया है, सीबीएम प्रोजेक्ट की आड़ में यहां जगह-जगह बोरवेल बनाए गए हैं और उनके निर्माण तथा रखरखाव के साथ ही सडक़ निर्माण और गैस निकालने के फेर में सीबीएम प्रोजेक्ट में अधीनस्थ कंपनियों को ठेके पर काम देना शुरू कर दिया और कंपनियों ने बाहर के लोगों को यहां लाकर उन्हें यहां बसाया ही नहीं, बल्कि स्थानीय आदिवासियों और मूल निवासियों का दोहन भी शुरू हो गया, अपनी जमीन खो चुके ग्रामीण दर-दर भटकने को मजबूर है, साउथ वेस्ट पिनेकल कंपनी के द्वारा बनाई गई, वर्तमान में स्थित तो महज एक बानगी ही है, ग्रामीणों में इस बात को लेकर विरोध भी पनपता जा रहा है कि जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर और स्थानीय तहसीलदार अनुविभागीय राजस्व अधिकारी से संदर्भ में कार्यवाही की मांग की गई है।