शहडोल। जिले के खैरहा थाना परिसर में बीते दिवस नगर सुरक्षा समिति की बैठक के आयोजन के दौरान आने वाले दिनों में आने वाले विभिन्न पर्वों को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने को लेकर क्षेत्रीय जन अपने-अपने तर्क एक दूसरे के समक्ष रख रहे थे, इसी दौरान क्षेत्रीय कोल माइंसों में कोयला कारोबारियो की आपसी प्रतिद्वंद्विता का एक मामला भी खैरहा थाने पहुंचा, थाना प्रभारी दिलीप सिंह ने स्थानीय कोयला कारोबारी तथा बाहर से आए कोयला कारोबारी के बीच भाड़े को लेकर चल रही बात चीत को कुछ घंटे की मेहनत के बाद शांत तो करा दिया, लेकिन इसी दौरान राजनीतिक दलों को लेकर आपस में तर्कों को तर्क होने लगे , भाजपा नेता और कारोबारी राजकुमार सरावगी तथा पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष पंडित किशोरी लाल चतुर्वेदी सहित दर्जनों लोग इस दौरान थाना परिसर में बैठकर कोयले के भाड़े को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे, इसी दौरान यह बात सामने आई कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो अच्छे से देख लेंगे, यह तथ्य सामने आते ही भाजपा नेता राजकुमार सरावगी बिफर पड़े उन्होंने एक स्वर में कहा कि मोदी जी की सरकार है , और मोदी जी की सरकार में कोई किसी का अहित नहीं कर सकता , उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो उन्हें जेल तक भेजा गया था, लेकिन बाद में जब जांच हुई तो सब कुछ साफ हो गया , थाना परिसर में बैठे कई लोग आपस में चल रहे तर्क वितर्क के वीडियो भी बना रहे थे, और अपने हिसाब से उसे कट पेस्ट कर वायरल करने में भी पीछे नहीं रहे, हालांकि कई घंटे की बैठक के बाद खैरहा थाना क्षेत्र अंतर्गत दामिनी माइंस में हुए विवाद का लगभग पटाक्षेप हो गया, लेकिन कांग्रेसी मानसिकता एक बार फिर नजर आई, कारोबारी को कांग्रेस की सरकार में देख लेने की बात भले ही धमकी भरे लहजे में किसी एक व्यक्ति को लक्ष्य करके न कही गई हो , लेकिन भाजपा नेता ने इसका कटाक्ष करते हुए प्रदेश और केंद्र की भाजपा नीति सरकार की मंशा और मोदी सरकार में किसी का भी अहित न होने का दावा कर दिया, भाजपा नेता का अपने पार्टी के प्रति प्रेम और चंद महीने के लिए आई कांग्रेस सरकार के दौरान भोपाल में बैठे कांग्रेस के बड़े नेताओं को गुमराह कर जिस तरह बीते सालों में भाजपा नेता और कारोबारी के साथ खेल खेला गया था और बाद में कांग्रेस शासन काल के दौरान ही उसे मामले का पटाक्षेप खुद भोपाल में बैठे नेताओं के द्वारा सच जानने के बाद कर दिया गया ,यह किसी से छुपा नहीं है….बैठक के बाद आज भी इसी मामले में भाड़े को लेकर 500 से अधिक ट्रको के स्थानीय मालिकों ने अपना मांग पत्र भी दिया।