बगैर रेरा की अनुमति भगवती बिल्डर्स ने काटी कालोनी

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                                                                                                                                 राजनीतिक संरक्षण में बन रही अवैध कालोनी
                                                                                                                                   जिम्मेदार विभाग नहीं कर पा रहा कार्यवाही
इन्ट्रो- आकर्षक और लुभावने ऑफर देकर अवैध कालोनी में भवनों की बुकिंग की जा रही है, रेरा में कॉलोनाइजर द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया, जिससे कॉलोनी का विकास रुक जाएगा। इतना ही नहीं एक्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि रेरा में पंजीयन नहीं है, तो रजिस्ट्रियां नहीं होगी, रजिस्ट्री करने पर व्रिकेता सहित रजिस्ट्रार पर कार्रवाई हो सकती है।
शहडोल। कॉलोनाइजर नियमों को ताक में रखकर कॉलोनी बना रहे हैं, जबकि कागजों में भी कॉलोनी वैध नहीं है। रेरा में तो कॉलोनाइजर ने पंजीयन नहीं कराया। रेरा(रियल स्टेट रेग्यूलेटर एक्ट) के नियमों के तहत पंजीयन होने के बाद ही भवन की बुकिंग हो सकती है, यदि किसी कॉलोनाइजर का रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं है, तो वह बिना रजिस्ट्रेशन के विज्ञापन नहीं कर सकेंगे। जो भी व्यवसायी अब प्रोजेक्ट शुरू करेगा उसका अलग से प्रोजेक्ट एकाउंट में 70 फीसदी पैसा रखना होगा। इस स्थिति में बिल्डर को पांच साल तक प्रोजेक्ट की मरम्मत का जिम्मेदारी भी उठाना पड़ेगी। शहर में पटेल नगर में कॉलोनाइजर ने कॉलोनी का प्रचार-प्रसार कर रहे है। जबकि कॉलोनाइजर ने रेरा में पंजीयन नहीं कराया। नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध प्रशासन सख्ती नहीं दिखा रहा है और न ही इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई हो रही है। जबकि एक्ट में कार्रवाई का प्रावधान है। जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए खुलेआम ही नियमों को ताक पर रख कालोनी का निर्माण कराया जा रहा है।
नियम का उलंघन, तो 5 साल तक की जेल
रेरा लागू होने के बाद सबसे अधिक फायदा प्लॉट, डुप्लेक्स या फ्लैट खरीदने वालो को होता है, क्योंकि कॉलोनाइजर लुभावने ऑफर देकर अपनी कॉलोनियों में प्लॉटों का विक्रय कर देते थे। रेरा में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जो कॉलोनाइजर ने ऑफर दिए हैं, उनका पालन करना अनिवार्य होगा। अगर कॉलोनाइजर शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो उनको पांच साल तक का कैद की प्रावधान इस एक्ट में दिया गया है। इसके अलावा परियोजना संबंधी जानकारी जैसे-प्रोजेक्ट का ले-आउट, स्वीकृति, ठेकेदार एवं प्रोजेक्ट की मियाद का विवरण खरीददार को अनिवार्य रूप से देना होगा। समय-सीमा में निर्माण कार्य पूरा न करने पर बिल्डर द्वारा उपभोक्ता को ब्याज का भुगतान करने का प्रावधान है। ब्याज उसी दर पर होगा, जिस दर पर वह भुगतान में हुई चूक के लिए उपभोक्ता से ब्याज वसूलता है। रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के आदेश की अवहेलना की स्थिति में बिल्डर को 3 वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान है, वहीं रियल एस्टेट एजेंट और उपभोक्ता के लिए 1 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
भगवती रेसीडेंसी को संरक्षण
नगर में बड़े पैमाने पर कॉलोनाइजर द्वारा खेती की जमीन सीधे भवन बनाकर बेचने का कारोबार चल रहा है। बिना लाइसेंस और रेरा टीएनसी से रजिस्ट्रेशन कराए भवन की बुकिंग की जा रही है। भगवती बिल्डर्स द्वारा पार्टनर द्वारा भगवती रेसीडेंसी के नाम पर बगैर अनुमति के खसरा नंबर 2126 में 0.2040 हेक्टेयर में कालोनी का निर्माण कराया जा रहा है, राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कॉलोनाइजर पर नगर पालिका, नगर निवेश सहित अन्य विभाग कार्रवाई करने से बचती नजर आती है। जिससे नगर में एक अवैध कॉलोनी का खुलेआम निर्माण हो रहा है। नगर परिषद द्वारा संभवत: उक्त अवैध कॉलोनी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
निरंतर चल रहा निर्माण
शहर के ह्दय स्थल में भगवती बिल्डर्स द्वारा पार्टनर द्वारा कालोनी का निर्माण बगैर रेरा की अनुमति के किया जा रहा है, उक्त स्थल पर 39 भवन का निर्माण होना है, लाखों की लागत से बन रही कालोनी में संभवत: एक दर्जन से अधिक भवनों की लोगों ने बुकिंग करा रखी है, मजे की बात तो यह है कि बीच शहर में बड़ीभीठ के पास कॉलोनाइजर ने रेरा में रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया है, बावजूद इसके निर्माण निरंतर जारी है, लेकिन नगर पालिका, राजस्व सहित अन्य विभाग कार्यवाही करने की जगह उक्त बिल्डर्स को प्रश्रय दिये हुए है।
नहीं हो रहा नियमों का पालन
निजी भूमि पर कॉलोनी बनाने से पहले संबंधित व्यक्ति को कलेक्टर के यहां कॉलोनाइजर का लाइसेंस लेना होगा। कॉलोनाइजर को सबंधित भूमि पर प्लॉटिंग करने से पहले नगर पालिका, नगर परिषद से डायवर्सन के लिए एनओसी लेनी होगी। कॉलोनी बसाने से पहले उसमें क्या सुविधाएं होंगी, इसके लिए रेरा में पंजीयन कराना होगा। कॉलोनाइजर को कॉलोनी में स्वयं के व्यय पर विद्युत ट्रांसफर लगवाना होगा। इसके साथ पानी की सप्लाई एवं सडक़ बनवानी होगी। टाउन कंट्री से प्लॉटिंग के लिए अनुमति लेनी होगी। नई कॉलोनी का निर्माण में 25 प्रतिशत प्लॉट गिरवीं रखे जाते हैं। जिससे कॉलोनी में सडक़, बिजली, पानी जैसे विकास कार्य किए जा सके, किंतु नगर में अवैध रूप से बसाई जा रही कालोनी में कालोनाईजर इन नियमों का कही से पालन करते नहीं दिख रहे हैं।

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