कल्याणपुर में झुग्गी जंगल दर्ज भू-खण्डों पर बेजा कब्जा

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करोड़ों की भूमि व्यवस्थापन के नाम पर दर्ज करा बेच रहे साहूकार

कपड़ा कारोबारी ने किया 5 एकड़ भूमि पर निर्माण शुरू

(Amit Dubey+8818814739)

शहडोल। नगर पालिका शहडोल की सीमा से ग्राम कल्याणपुर में झुग्गी जंगल के नाम पर दर्ज भू-खण्डों में लगातार अतिक्रमण हो रहा है, पूर्व में व्यवस्थापन के नाम पर इन भू-खण्डों में दर्जनों लोगों ने अपने नाम जुड़वा लिये थे, लेकिन वर्ष 2009-10 के दौरान तात्कालीन संभागायुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने समस्त भू-खण्डों को झुग्गी जंगल के नाम पर दर्ज करने के आदेश दिये थे, वर्तमान में भी इन भू-खण्डों के सरकारी रिकार्ड झुग्गी जंगल के नाम पर हैं। हालाकि कल्याणपुर में इस प्रशासनिक पेंचिदगियों के बीच दर्जनों ने अपने आवास बना लिये और एक बड़ी बस्ती निर्मित हो गई, लेकिन वर्तमान में मुख्यालय के करोड़पति कपड़ा व्यापारी ऋतुराज व उनके परिवार के नाम पर लगभग 5 एकड़ भू-खण्ड को अपना बताकर उसमें निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बाजार मूल्य के हिसाब से उक्त जमीन करोड़ों की आंकी गई है।
इन भू-खण्डों पर है विवाद
एक तरफ मुख्यालय में बैठे अधिकारी और राजधानी में बैठे प्रदेश के मुखिया व नौकरशाह शासकीय आराजी की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का बयान जारी कर रहे हैं, वहीं ग्राम कल्याणपुर में आराजी खसरा क्रमांक 16/1/1 के अलावा 23/1/1 व 16/1 व 2 के अन्य भू-खण्डों पर ऋतुराज पिता रोहणी प्रसाद, राजकुमार पिता हनुमान प्रसाद, बिट्टी बाई पति हनुमान प्रसाद व परिवार के अन्य सदस्यों के नाम व्यवस्थापन प्रक्रिया के दौरान संभवत: दर्ज कराये गये थे। उक्त तथा अन्य समस्त खसरा नंबर 15, 16, 20, 23 व इससे सटे भू-खण्डों व बटांकों को शासन ने पूर्व की तरह झुग्गी जंगल में परिवर्तित कर दिया, एक तरफ प्रशासन अतिक्रमण विरोधी मुहीम चला रहा है तो, दूसरी तरफ बीते दिनों से पुन: कथित कारोबारी द्वारा लगभग 5 एकड़ भूमि पर अपना दावा करते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
दशकों से दर्ज है झुग्गी जंगल
ग्राम कल्याणपुर में मध्यप्रदेश शासन के झुग्गी जंगल मद की भूमि जिसे वर्ष 2010 में तात्कालीन संभागायुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने तहसीलदार की जांच के उपरांत 4 अगस्त 2010 को यह लिखा कि उक्त भू-खण्ड नगर पालिका शहडोल की सीमा से लगे हुए हैं, शासन के नियमानुसार सीमा से लगे होने के कारण छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज भूमियों का बंटन/ व्यवस्थापन किया जाना प्रतिबंधित है। इस संदर्भ में तहसीलदार में अपने प्रतिवेदन में यह भी लिखा कि उक्त भू-खण्डों का 1954-55 एवं 58-59 के अलावा 1973-74 के दस्तावेजों के अवलोकन में भी झुग्गी जंगल ही पाया गया है। शासन की भूमि को क्षति न हो इसलिए मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 32 के तहत क्रय-विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध व पूर्वत छोटे झाड़ के जंगल दर्ज किये जाने के आदेश दिये गये। वर्ष 2015 में इस मामले में सुनवाई के दौरान तहसीलदार सोहागपुर ने भी कमिश्नर के आदेश का हवाला व उक्त नियमों का उल्लेख करते हुए यह लिखा कि वर्तमान में दर्ज शेष भू-स्वामियों के प्रकरण स्वमेव निगरानी में लेकर निरस्त किये जाते हैं।
सोते रहे पटवारी, होता रहा निर्माण
ग्राम कल्याणपुर में प्रशासन द्वारा जिस राजस्व कर्मी को कल्याणपुर व आस-पास के ग्रामों की जिम्मेदारी दी गई है, उक्त पटवारी कपड़ा कारोबारी के द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण स्थल से कुछ मिनटों की दूरी पर ही निवासरत है। बावजूद इसके पटवारी द्वारा न तो, अतिक्रमण रूकवाया गया और शायद ही इसकी सूचना वरिष्ठ कार्यालय को दी गई।
इनका कहना है…
हमारा मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
ऋतुराज गुप्ता
कब्जाधारी
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मामले के संबंध में एसडीएम सहित पटवारी से बात करने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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