जिस चावल को जानवर भी ना खाये, उसको रोड पर सुखाया जा रहा है तकी इंसानो को खिलाया जा सके।

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कटनी।  कटनी जिले के लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया में शनिवार दोपहर को जो नजर देखने को मिला उसको देख मन में सवाल उठता है की क्या कोई पैसे कमाने के लालच में इतना भी गिर सकता है की मानवता को ही तक पर रख दे। नजार ऐसा था जिसको देेे कर  मन दुखी हो गया।  देश में करोड़ों लोग लोग ऐसे है जिनको  मुश्किल से एक वक्त काा खाना मिल पाता है और यहां हजारों किलो चावल लापरवाही केे चलते सड़ा कर  सड़क किनारे  कई किलोमीटर तक पसार कर सुखाने की कवायद की जा रही थी, ताकी उसको सूखा कर वापस दुकानों में बेचा जा सके।

मुनाफा खोरी के लालच में राशन दुकान में इतना घटीया चावल सप्लाई किया जा रहा है जिसको इंसान क्या जानवर भी न पूछे। मामला मीडिया में आया तो प्रदेश भर में हड़कंप मच गया अब चावल घोटाले को दबाने का खेल कुछ  नए तरीके से चल रहा है। आप को बता दे की कटनी में जिस सड़क किनारे यह सड़ा चावल सुखाया जा रहा है, उसके आसपास एक दर्जन से ज्यादा वेयर हाउस और राइस मिल हैं। सड़क किनारे सूख रहा सड़ा चावल किसका है इस बात का पता तो नही चला पर लोगो ने बताया कि  चावल को सुखाकर इसको पॉलिस कर के नया सा बना कर फिर से राशन दुकानों को सप्लाई कर दिया जाएगा।

नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों ने घटिया चावल सप्लाई करने वाले 7 मिलर्स का 11 हजार 890 क्विंटल चावल अगस्त माह में रिजेक्ट किया है। घटीया चावल सप्लाई पर अभी तक मिलर्स की जवाबदेही तय नहीं की गई।

अंदर की खबर ये है की अगस्त माह के जो चावल को नान के अफसरों ने रिजेक्ट किया था वह मिलर्स के इशारे पर किया था जिससे केंद्र की टीम की सैंपलिंग में खराब चावल को शामिल करने से बचाया जा सके।

कटनी से प्रदेश भर में राशन दुकानों के चावल सप्लाई होती है। यह 54 राइस मिलर्स से नान का अनुबंध है जो सरकारी धान की मिलिंग कर चावल सप्लाई करते हैं।

*इनका कहना है।*

लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क किनारे सुखाए जाने वाले चावल के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। पता करवाते हैं, कार्रवाई की जाएगी।

पीयूष माली,

प्रबंधक नान कटनी

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