शराबी प्रोफेसर के मामले में नहीं हुई कार्यवाही

शराब के नशे में स्वच्छता निरीक्षक को दी थी गालियां
धनपुरी। 24 नवम्बर की रात 11 30 बजे धनपुरी नगर पालिका में पदस्थ स्वच्छता निरीक्षक पुरूषोत्तम गुप्ता को उनके मोबाइल पर गाली-गलौज देने वाले प्रोफेसर के खिलाफ अभी तक अपराध दर्ज नहीं किया गया, जबकि अपने साथ हुई घटना की शिकायत पीडित और मुख्य नगरपालिका अधिकारी धनपुरी द्वारा 25 नवम्बर को की गई गाली-गलौज की आडियो क्लिप के साथ पुलिस को दी गई थी, जिस समय शिकायत दी गई थी, उस समय पाटले नगर निरीक्षक के प्रभार पर थे। जांच किसे दी गई और कहां पहुंची, यह तो वही जाने, लेकिन अचरज इस बात का है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे कर्मचारियों के साथ हुई घटना की शिकायत जब प्रमाणों के साथ पुलिस को दी गई और उस पर अपराध कायम नहीं किया गया, तो आमजनों के साथ वर्दीधारी क्या सुलूक करते होंगे, यह तो वही जाने।
नेहरू डिग्री कालेज बुढ़ार में पदस्थ खेल अधिकारी अजय त्रिपाठी को अचानक कालेज की व्यवस्थाएं याद आ गई और उन्होंने धनपुरी नगर पालिका में पदस्थ स्वच्छता निरीक्षक पुरूषोत्तम गुप्ता को कॉल किया, रविवार और कार्यालयीन समय खत्म होने के कारण गुप्ता परिवार सहित किसी वैवाहिक कार्यक्रम में थे, जिस कारण उन्होंने पहले तो त्रिपाठी के कॉल को महत्व नहीं दिया, लेकिन लगातार कई बार कॉल आने के कारण उन्होंने उनसे चर्चा की।त्रिपाठी ने चर्चा के दौरान कबूला की, तनाव के कारण उन्होंने लगातार फोन किये और मर्यादा से भी उतर गये। रविवार की रात त्रिपाठी शायद शराब के नशे में थे और न तो उन्हें नशे के कारण वक्त का ख्याल था और न ही खुद की पद की मर्यादा का ही भान रहा, स्वच्छता निरीक्षक के सेल फोन पर त्रिपाठी की जो बातें रिकार्ड हुई हैं, उसमें त्रिपाठी अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए शासकीय कर्मचारी को गालियां दे रहे हैं।
महाविद्यालय में वह भी खेल अधिकारी के पद पर पदस्थ अजय त्रिपाठी की करतूत की तुलना शराबियों और नये रंगरूटों से की जाये तो कोई गलत नहीं है। पुरूषोत्तम गुप्ता ने बताया कि अजय त्रिपाठी जिस दौरान बात कर रहे थे, ऐसा लग रहा था वह नशे में थे, रिकार्डिंग हुई चर्चा को सुनकर भी उनकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है, सवाल यह उठता है कि आधी रात उन्हें सफाई करवाने का कौन सा आवश्यक कार्य था, जो लगातार दर्जनों कॉल करते रहेे।