अस्त होते सूर्य देवता एवम सूर्य उदय को बड़ी उल्लास के साथ परिवारजन छठी मैया का पूजन कर अर्ध्य दिए ::

गिरीश राठौर
अनूपपुर/ पवित्र नगरी अमरकंटक के नर्मदा नदी तट कोटि तीर्थ घाट और राम घाट पर भारी संख्या में शाम होने के पूर्व ही ब्रति महिलाएं , परिवार , बच्चे सब घाट पर पहुंचे । घाटों की सजावट लाइट , झालर , टेंट , म्यूजिक सिस्टम के अलावा ढोल नगाड़ा भी बजा कर खूब बच्चे झूमे । घाट पर सब परिवारजन पूजन सामग्री लेकर नर्मदा नदी तट पर पहुंचे और छठ मैया की विधि विधान से पूजन कर अर्घ दिए ।
छठ पूजा व्रत में महिलाएं व्रत के पूर्व की रात्रि में विशेष प्रसाद बना कर पूजन के लिए तैयार करती है । बाजार से अनेक प्रकार के फल , गुड़, चना , अटर्रा नींबू , गन्ना , हरा नारियल आदि सामग्री पूजन हेतु उपलब्ध करते है । मिट्टी के दिए , बांस से बनी टोकरी , सूपा, आदि सब घर पर व्यवस्था करने के बाद छठ में सब नदी या तालाब पर ले जाकर छठी माता का जल में खड़े होकर सूर्य अस्त होते को जल प्रदान करती है उसी तरह अगले दिवस सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए तप,पूजन , गीत गाती है । घर से पुरुष सर पर सारी पूजन सामग्री उठाकर परिवार के साथ में चलते हुए तट पर तट पर आते है । नदी पर घुटने या कमर तक पानी में उतर कर डूबते सूर्य और उगते सूर्य भगवान को आर्घ दिया जाता है । घाटों पर दीप भी जलाया गया ।
छठी माता की पूजा कर आशीर्वाद मांगते है की हे छठी माता हमारे पुत्र , परिवार में आपकी कृपा बनी रहे , घर पर सुख शांति बनी रहे । छठ का व्रत पुत्र रत्न के लिए प्रमुख होता है । अमरकंटक नर्मदा तट पर छठ पूजन स्थल पर क्षेत्रीय विधायक पुष्पराजगढ़ फुंदेलाल सिंह मार्को , जिला कार्य.अध्यक्ष संतोष पाण्डेय , अमरकंटक नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमति पार्वती बाई , उपाध्यक्ष एडवोकेट रज्जू सिंह नेताम , अमरकंटक मंडलम अध्यक्ष श्यामलाल सेन आदि कांग्रेसी जन छठ पूजन स्थल पर पहुंचे और मिलकर सभी ने प्रसन्नता व्यक्त किए ।
अमरकंटक में छठ मैया का पूजन यहां के परिवार प्रमुख रूप से मनाते है जिसमे गिरिजा शंकर पांडेय परिवार , हरे राम गुप्ता , मुरारी गुप्ता , ब्रजेश शर्मा , उमाशंकर पांडेय , भरत गुप्ता , राहुल पांडेय , छट्टू गुप्ता , मृत्युंजय गुप्ता , आदि अनेक परिवार है जो छठ पूजन बड़ी ही धूमधाम से मनाते चले आ रहे है । इस तरह अमरकंटक व जिले , संभाग , प्रदेश देश में छठ पूजन का पर्व मनाया गया ।
अमरकंटक :- श्रवण उपाध्याय