आवेदन के साल भर बाद भी पीएम किसान निधि से वंचित परिवार

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पटवारी की लापरवाही किसान पर पड रहा भारी
लाॅकडाउन मे परिवार को झेलनी पड रही परेशानी

पटवारी द्वारा दिया जा रहा झूठा आश्वासन

बुढार। देश में घातक महामारी कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। लॉकडाउन का सबसे बड़ा खामियाजा देश के किसानों को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए चल रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना काफी कारगर साबित हो रही है। भारत सरकार की अनोखी पहल प्रधानमंत्री किसान निधि योजना है, जिसमें 12 करोड़ छोटे हर सीमांत किसान जिनके पास 4.9 एकड़ से भी कम यानि 2 हेक्टेयर जमीन है। उन्हें एक न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रतिवर्ष 6000 रुपये प्रतिवर्ष तक मिलता है जो किसानो को तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है जो राशि किसान के खाते में जमा हो जाता है। यह 1 फरवरी 2019 को भारत के 2019 अंतरिम केंद्रीय बजट के दौरान मंत्री पीयूष गोयल द्वारा इस पहल की घोषणा की गई थी। वैसे यह दिसंबर 2018 में लागू हुई थी।
यह है मामला
जनपद पंचायत बुढार अंतर्गत ग्राम पंचायत बलबहरा मे हल्का पटवारी श्रीमती सावित्री सिंह के द्वारा पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से वंचित किया जा रहा है जिस कारण कई किसान उक्त योजना के शुरू होने के दो साल तथा पात्र होने के बाद भी वंचित है। बलबहरा के वार्ड 13 निवासी किसान रमेश प्रसाद द्विवेदी पिता स्व. रामजियावन द्विवेदी भी पटवारी के हीलाहवाली के शिकार हुये हैं। जिस कारण उन्हे आज तक योजना का लाभ नही मिल पाया है जबकि उनके द्वारा दो से तीन बार पटवारी को व्यक्तिगत रूप आवश्यक दस्तावेज दिये जा चुके हैं।
दे रहे आश्वासन व भ्रामक जानकारी
किसान रमेश प्रसाद द्विवेदी ने लगभग 11 महीने पहले जब उक्त योजना के लाभ न मिलने की जानकारी पटवारी को दी तो उनके द्वारा आवश्यक दस्तावेजों की मांग कर जांच उपरांत योजना का लाभ दिलाये जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। जब आवेदक को दस्तावेज देने के बाद भी योजना का लाभ नही मिला तो उनके द्वारा दोबारा संपर्क कर सरपंच के घर मे पटवारी से इस बावत निवेदन किया तब पटवारी द्वारा आवेदक से आधार व बैंक खाता नंबर मांग कर जल्द ही योजना का लाभ दिलाये जाने का दोबारा आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक आवेदक को योजना का लाभ नही मिल सका जबकि आवेदक योजना का लाभ पाने हर प्रकार से पात्र है। आवेदक द्वारा जब आनलाइन चेक करवाया गया तो रजिस्ट्रेशन नही होना पाया गया। इसका सीधा अर्थ है कि पटवारी द्वारा आवेदन को गंभीरता से नही लेते हुये आनलाइन फीडिंग नही किया गया।
लाक डाउन मे कैसे चलेगा घर
एक ओर केन्द्र व प्रदेश सरकार हर व्यक्ति को कोरोना महामारी से बचाने घर पर रहने की सलाह दे रही है। इस दौरान जीवन निर्वाह के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत बैंक खातों मे पैसे भेज रही है जिससे हर व्यक्ति घर पर रहकर कोरोना महामारी के खिलाफ युद्ध मे सक्रिय भूमिका का निर्वहन करे वही किसानों के विकास के लिए पीएम किसान निधि के माध्यम से भी किसानों को सरकार पैसे दे रही है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अवैध आमदनी न होने के कारण किसानों को पटवारियों द्वारा योजना का लाभ नही दिया जा रहा है जबकि उन किसानों के पास चढावा देना तो दूर खुद के परिवार पालने को पैसे नही है, लेकिन चंद रूपयों की खातिर मैदानी अमले का द्विवेदी परिवार शिकार हो रहा है।
मैने काम कर दिया
रमेश द्विवेदी को पीएम किसान निधि योजना का लाभ नही मिलने की जब पटवारी सावित्री सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा पहले तो कहा गया कि मैं आवेदक का रजिस्ट्रेशन कर देती हूं, लेकिन रजिस्ट्रेशन किया गया नही गया। जब कई दिनो बाद दोबारा संपर्क किया गया तो उन्होने कहा कि मैने अपनी ओर से दस्तावेज संलग्न कर आवश्यक कार्यवाही कर दी है। इसके बाद भी योजना का लाभ क्यों नही मिल पा रहा है मैं नही जानती हूं, तहसीलदार साहब जानें। जबकि इसके पहले लगभग एक साल से किसान निधि मे रजिस्ट्रेशन नही किया गया जो समझ से परे है।
गैरजिम्मेदाराना रवैया किसान को पड रहा भारी
यदि सही समय पर पटवारी द्वारा आवेदक का आनलाइन रजिस्ट्रेशन कर दिया गया तो आज यह दिन नही देखने पडते, इसका सीधा अर्थ है कि पटवारी द्वारा दिये गये जिम्मेदारियों को ईमानदारीपूर्वक निर्वहन नही किया जा रहा है वही चेहरा देखकर योजना का लाभ दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार पटवारी द्वारा हल्का क्षेत्र मे कई परिवारों से सांठ-गांठ कर अपात्र होने के बाद भी उच्चाधिकारियों को फर्जी जानकारी देकर विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ दिया गया वही लिफाफा के कारण कई पात्र आज भी योजनाआंे से वंचित हैं, जिस कारण हल्का क्षेत्र मे पटवारी के खिलाफ रोष व्याप्त है।
इनका कहना है
आपके द्वारा जानकारी दी गई है, ठीक है मैं दिखवाता हूं।
सत्येन्द्र सिंह
कलेक्टर शहडोल

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