…आखिर वोटर लिस्ट नेता क्यो चाहते है मुर्दो के नाम

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कहीं काली कमाई और सरकारी धन की होली खेलने की तैयारी तो नही
वर्षो से फर्जी नामों से कैसे निकल रहे थे राशन और अन्य योजनाओं के लाभ

कई वर्षो तक मुर्दो और पलायन कर चुके लोगों के नाम पर राशन हजम करने व नेतागिरी करने वालों को आज समाज की चिंता सताने लगी है, रामलाल की स्लीपर सेल, बिसाहू को दिवा स्वप्र दिखाकर ताश के पत्तो के महल बना रही है, मुर्दो के नाम पर राशन के घोटाले की पोल जब पंचायत के सर्वे से सामने आई तो स्लीपर सेल मामले को दूसरी दिशा देने के लिए थाने में नजर आई, बहरहाल करीब 8 सैकडा लोगों के महज एक पंचायत में फर्जी नाम सामने आने से नटवरलालों की नींद उड गई है।

अनूपपुर। जिले के जैतहरी जनपद का ग्राम बरगवां किसी न किसी कारण सुर्खियों में बना रहता है, नया मामला 800 से अधिक फर्जी तरीके से जोडे गये उन नामों का है, जिसमें से दर्जनों के वंशजों के पास मृत्यु प्रमाण पत्र पहुंच चुके है, वर्षो पहले अपनी गांव मतलब दूसरे प्रदेशों में लौट चुके है, वही दर्जनों ऐसे किशारियों के नाम भी शामिल है, जिनमें कोई दो वर्ष तो कोई सात वर्ष पहले शांदी करके अपने ससुराल चली गई है। नटवरलालों ने इन सबके नाम पर अनाज और फर्जी शौचालय तथा प्रधानमंत्री आवास तथा अन्य योजनाओं के तहत् राशि हडपने के फेर में इनके नाम तो नही काटे, पर इस दौरान अन्यंत्र से यहां आये लोगों और परिवार के अन्य सदस्य के नाम जोडना नही भूले। जब मामला जांच में खुलकर सामने आया तो अपने पाप छुपाने के फेर में मुखिया के इशारे पर मामले को दूसरा मोड देने की नीयत से थाने जा पहुंचे, जबकि कथित कानूनविदो को इस बात तक की जानकारी नही कि नाम जोडने या हटाने का काम थाने का नही बल्कि बीएलओ या फिर अनुविभाग से जुडे अधिकारियों के जिम्मे होता है।
बरगवां उपसरपंच ने की पहल
ग्राम पंचायत बरगवां के उपसरपंच संतोष कुमार टंडन के द्वारा सोमवार को कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं निर्वाचन शाखा में आवेदन पत्र प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट रूप से सूची की जानकारी दी। उन्होने उल्लेख किया कि ग्राम पंचायत बरगवा विकासखंड जैतहरी, विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में 20 वार्ड हैं, जिनमें लत्कालिक समय पर बीएलओ के प्रभार पर ग्राम पंचायत के सचिव हैं व उनके मार्गदर्शन के अनुसार हम सभी जनप्रतिनिधि, मोहल्ला पंचनामा बनाकर वार्डवार जिन व्यक्तियों की मृत्यु वर्षों पहले हो चुकी है व कई विवाहित होकर अपने पति के साथ अन्य जगह शहर/ प्रदेश में चले गये हैं साथ ही कोल माईन्स एरिया, पेपर मिल, सोंडा फँक्ट्री आदि जगह नौकरी करने वाले लोग जो कि कई सालों पहले रिटायरगेंट होकर अपने निज गृह ग्राम/ अन्य प्रदेश में जा चुकै हैं, कई ऐसे नाम हैं जो कि लगभग 10-11 साल पहले से यहां पर नहीं है फिर भी उनका नाम वाडों में जुड़ा हुआ है कई लोगों के नाम दो दो बार दर्ज हैं, जिनके आधार पर आज भी वाडों का आरक्षण उन्ही के आधार पर किया जा रहा है।
नाम काटने में क्यो जताई जा रही आपत्ति
शिकायत पत्र में उपसरपंच ने उल्लेख किया कि आम चुनाव हो या विधानसभा या फिर पंचायती चुनाव हमेशा मतदान का प्रतिशत कम होना इसी कारण से होता है। वास्तव में जितने लोग है उतने ही मतदान करते है जो नहीं है, उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जाना चाहिये, अत्याधिक नाम दर्ज होना जो कि अन्य नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन के रूप में है। साथ ही उदाहरण के रूप में बार्ड क्रमांक- 18 में डोंगरिया टोला वार्ड क्रमांक 14- 15 के आदिवासी परिवारों का लगभग 25 नाम दर्ज है, जो कि जांच का विषय है। निजी स्वार्थो के लिए या राजनीतिक लाभ लेने के लिए क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों के द्वारा गैर मौजूद लोगों का नाम काटने में आपत्ति दर्ज करा रहे हैं, जो कि बिना कारण ही पचायत के माहौल को खराब कर नाम काटने से रोक रहे हैं।
जांच कर प्रकाशन करने की मांग
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, अनुविभागीय अधिकारी कमलेश पुरी, तहसीलदार भागीरथी लहरे के साथ निर्वाचन शाखा में पत्र देते हुए उपसरपंच ने निवेदन कि है कि मौलिक अधिकार व लोगों के हितों की रक्षा के लिए व आरक्षण का सही लाभ आम लोगों को मिल सके, वही सोमवार को सचिव के द्वारा तीन वार्डो में किये गये जांच में लगभग 300 लोगों के नाम अनुचित रूप से अंकित पाया है, कुछ नाम ऐसे भी है जिनकी लगभग दो वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है जैसे रामकरण कोल पिता छोटानी, ठाकुरदास पिता दौलतराम, विवाहित कंचन पिता कन्हैयालाल, रिटायरमेंट कर्मचारी रामकृपाल पिता गनपत, मृतक गोमती पिता आनंद, राजेश पिता कमताई, चना देवी पति रामकृपाल, परमेश्वर ङ्क्षसह पिता विश्राम, अशोक कुमार पिता मनकामना जैसे सैकडों नाम सूची दर्ज है, इसके लिए वर्षो से त्रुटिपूर्ण मतदाता सूची की वार्डवार जांच करवाने व सही मतदाता सूची का प्रकाशन करने की मांग की है।

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