जुगाड़ के दम पर सहायक यंत्री बने लगरखा

अनियमितता के लगे आरोप, सांसद प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री को सौंपी शिकायत
शहडोल। जिले के बुढ़ार जनपद पंचायत में प्रभारी सहायक यंत्री पर अनियमितता के आरोप लगाते हुए सांसद प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री से शिकायत सौंपी है, सांसद प्रतिनिधि ने बुढ़ार में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री प्रशांत लगरखा पर आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व में भी बुढार ब्लॉक में उपयंत्री के पद पर 10 साल तक बने रहने के दौरान कई अनुपयोगी कार्यों की स्वीकृति करते हुए आदिवासी सरपंचों को अपने जाल में लेते हुए अनुपयुक्त जगह पर निर्माण कार्यों की पूरी लिस्ट तैयार कर उन कार्यों के भुगतान के लिए फर्जी बिल मास्टर रोल बनाकर भारी भ्रष्टाचार किया है।
लाखों रूपये बटोरा कमीशन
ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव एवं पंचायत के पदाधिकारियों साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लगातार शिकायत देने के बाद लगरखा को जनपद पंचायत से हटा दिया गया था और अब 4 साल के बाद जुगाड़ के बल पर प्रभारी सहायक यंत्री के पद पर बैठकर पुन: पुराने तरीके से कार्यों को अंजाम देते हुए पहले से बन चुके ग्रेवल रोड को फिर से स्वीकृति प्रदान कर दी जा रही है। कथित अधिकारी द्वारा जिन जगहों पर पुल, स्टांप डैंप, खेत तालाब आदि का निर्माण नहीं करवाया जाना चाहिए, उन जगह पर स्वीकृति प्रदान करते हुए अपने मनमाफिक ठेकेदारों को काम देकर लाखों रुपए का कमीशन बटोरा जा रहा है।
सहायक यंत्री को हटाने की मांग
नरेगा के नियमों के तहत 60 प्रतिशत की मजदूरी और 40 प्रतिशत की सामग्री भुगतान के नियमों को तार-तार करते हुए 8 से 10 प्रतिशत कमीशन लेकर 85 प्रतिशत सामग्री और 15 प्रतिशत मजदूरी की रूपरेखा बनाकर भारी भ्रष्टाचार मचाया जा रहा है जिसकी शिकायत सांसद प्रतिनिधि अर्जुन कुमार सोनी ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से की है साथी जुगाड़ के फेर पर नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थ सहायक यंत्री पद से हटाए जाने के साथ 4 साल से बुढ़ार जनपद में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री को हटाए जाने की मांग भी की गई है।
पूर्व में उपयंत्री रहकर किया था भ्रष्टाचार
जनपद पंचायत बुढार में पदस्थ सहायक यंत्री प्रशांत लगरखा पूर्व में भी 10 वर्ष तक लगातार उपयंत्री के पद पर बने रहे और भोले भाले आदिवासी सरपंचों को केंद्र और राज्य द्वारा प्रदान की गई योजनाओं मेंं अनुपयोगी कार्यों की स्वीकृति करवा कर फर्जी तरीके से मस्टररोल एवं फर्जी बिल लगाकर भ्रष्टाचार किया जा रहा था, जिस पर ग्राम पंचायत के सरपंचों ने इनके विरुद्ध शिकायत करते हुए मूल योजनाओं से भटका कर अनुपयोगी कार्यों को करवाने में साथ ही मनचाहे ठेकेदारों को काम पर लगा कर भुगतान कराए जाने की लगातार शिकायतों के बाद जनपद पंचायत बुढार से हटा दिया गया था।
मूल्यांकन में मनमानी
नरेगा के तहत बनाए गए मजदूरों के भुगतान और सामग्री के भुगतान के प्रतिशत को बदलते हुए स्वयं द्वारा नया नियम लागू करके मनचाहे ठेकेदारों को मापदंड से हटकर भुगतान कराया जा रहा है, ज्ञात हो कि नरेगा के कार्यों में 60 प्रतिशत मजदूरी एवं 40 प्रतिशत सामग्री भुगतान का नियम है, लेकिन 10 प्रतिशत कमीशन लेकर ठेकेदारों को 85 प्रतिशत सामग्री एवं 15 प्रतिशत मजदूरी बनाकर भुगतान कराए जाने की भी शिकायत सांसद प्रतिनिधि द्वारा की गई है, नियमों को तार-तार कर खुद के नियम बनाकर लगातार अनियमितता लगरखा द्वारा की जा रही है।
जांच मिलने पर सांठगांठ में माहिर
सांसद प्रतिनिधि ने आरोप लगाते हुए बताया कि सहायक यंत्री लगरखा के खिलाफ कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर क्षेत्रीय नेताओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है, शिकायतों के बाद जांच टीम भी बनाई गई, लेकिन जुगाड़ में माहिर लगरखा उच्च अधिकारियों से मिलकर अपने रिश्तेदार अधिकारी को या फिर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के टीम को जांच टीम का हिस्सा बनवा कर अपने आप को पाक-साफ कराने में माहिर हो जाता है और शिकायत में बरी होकर पुन: उसी स्थान पर आकर बैठ जाते हैं।
नियम के विरुद्ध पदस्थापना
सहायक यंत्री के पद पर बैठे प्रशांत जुगाड़ में माहिर होते हुए नियम कायदे कानून सब पर भारी बनकर अपने पद पर विराजमान है, जबकि कार्यालय उप सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 5229 /22/वि-3/ग्रा.या.से/2019 दिनांक 20 नवम्बर 2019 के द्वारा अपने आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जनपद पंचायतों में सहायक यंत्री के पदों की पूर्ति जिले में पदस्थ ग्रा.या.सेवा सही की जावे, लेकिन जुगाड़ के फेर में सहायक यंत्री के पद पर काबीज बैठे हैं और भ्रष्टाचार को मूल रूप बनाकर कार्य कर रहे हैं साथ ही मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के द्वारा जारी स्थानांतरण नीति पत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/1/9 भोपाल दिनांक 24 जून 2021 के द्वारा वर्तमान में 1 जुलाई से 21 जुलाई तक 3 वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण के आदेश जारी किए जाने के निर्देश दिए गए उक्त निर्देश के बाद भी प्रशांत लगरखा पिछले 5 साल से जनपद पंचायत बुढ़ार में सहायक यंत्री के पद पर पदस्थ हैं।
पुन: जांच की मांग
जनपद बुढ़ार में पदस्थ सहायक यंत्री लगरखा पर पूर्व में लगे कई आरोपों पर जुगाड़ कर मनचाहे अधिकारी और संभाग के उच्च पद पर बैठे रिश्तेदार ए. पी. सिंह अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को जांच अधिकारी बनवा कर अपने आप को 21 बिंदुओं की शिकायत से दोष मुक्त करा लिया गया है , इस मामले पर शिकायतकर्ता गिरजा मेहरा एवं भाजपा के मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू द्वारा पुन: दी गई शिकायतों की जांच अलग से टीम बनाकर करवाई जाने की मांग की गई है ।