मुख्यालय में नहीं रहते उपयंत्री, निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार!

योजना के क्रियान्वयन में हो रही हीला-हवाली
मूल्याकंन को तरस रहे पंचायतों में हुए निर्माण कार्य
शहडोल। उमरिया जिले की बिरसिंहपुर पाली जनपद की ग्राम पंचायतें इन दिनों सुर्खियों में है, लगभग पंचायतों में हुए निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं, उपयंत्री द्वारा निर्माण कार्य के मूल्याकंन में किस तरह से कमीशन का खेल-खेला गया है, यह अब किसी से छुपा नहीं है, जनपद पंचायत पाली में पदस्थ उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर पर पूर्व में भी पंचायतों में हुए निर्माण कार्याे में गुणवत्ता की अनदेखी के आरोप लग चुके हैं, बावजूद इसके इन पर कार्यवाही न होना इनके रसूख की अलग ही कहानी बयां कर रहा है। आरोप है कि कमीशन के फेर में उपयंत्री द्वारा घटिया सामग्री के उपयोग और मनमाने गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों का आंख बंद कर मूल्यांकन कर दिया जाता है, जिसमें कमीशन नहीं मिलता, वह निर्माण कार्य आज भी मूल्याकंन को तरस रहे हैं। भ्रष्टाचार में उनके खुले संरक्षण के चलते सरपंच, सचिव निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया है।
दर्जनो पंचायतों का प्रभार
उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर के पास दर्जनों पंचायत का प्रभार है, सूत्रों की माने तो कथित उपयंत्री द्वारा ग्राम पंचायत में हुए निर्माण कार्याे का मूल्याकंन नहीं करते, जिससे ग्राम पंचायत के जिम्मेदार परेशान हो चुके हैं, चर्चा है कि मूल्याकंन के एवज में रूपयों की डिमाण्ड की जाती है, जिस ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण में उनका हिस्सा नहीं दिया जाता, उसके कार्य का मूल्याकंन नहीं किया जाता।
तालाब निर्माण में खेला-खेल
पाली जनपद की ग्राम पंचायत खोलखमरा पंचायत में तालाब निर्माण में उपयोग होने वाले पिचिंग के मटेरियल सप्लाई करने वाले आज तक भुगतान को तरस रहे हैं, सूत्रों की माने जिन-जिन पंचायतों का प्रभार कथित उपयंत्री के पास है, उन पंचायतों में राज कुमार श्रीवास्तव नामक फर्म के बिल लगाये हैं, खबर है कि कथित उपयंत्री द्वारा दबाव बनाकर कथित फर्म में भुगतान करा दिया गया, जिसके बाद पैसा लेकर शासकीय राशि की होली खेली गई।
5 प्रतिशत कमीशन ठेकेदार के माथे पूरा कार्य
कथित उपयंत्री के प्रभार वाली लगभग पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं, कही कार्य अधूरे पड़े हैं तो, कहीं निर्माण के बाद उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, सूत्रों की माने तो उपयंत्री मुख्यालय में न रहकर संभागीय मुख्यालय से अपडाउन करते हैं, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन एवं निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग सहीं नहीं न होने की वजह से निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं।
जांच के बाद होगा भ्रष्टाचार से खुलासा
दर्जनों ग्राम पंचायतों के प्रभारी उपयंत्री गजेन्द्र सिंह राठौर पर आरोप लग रहे हैं कि उनके द्वारा हर एक काम पर कमीशन लिया जा रहा है, सूत्रों की माने तो उपयंत्री द्वारा नियमों को ताक पर रखकर पंचायत के प्रतिनिधियों से मिलकर सांठ-गांठ बनाकर शासकीय पैसों को बंदरबांट करने का जुगाड़ बनाया हुआ है, जिसकी भनक अभी जिला प्रशासन को नहीं है, अगर इनके एक-एक कार्यों की जांच की जाए तो, इनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार से पर्दा उठ सकता है, जागरूक जनों ने जिला पंचायत के मुखिया से मांग की है कि कथित उपयंत्री को जिन पंचायतों को प्रभार दिया गया है, उन ग्राम पंचायतों सहित वेण्डरों के बिलों को खंगाला जाये तो, बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है।
इनका कहना है…
संभागीय मुख्यालय से सटे पंचायतों में मेरा प्रभार है, इसलिए मैं शहडोल में रहता हँू, बाकी की जानकारी आप जनपद से ले सकते हैं।
गजेन्द्र सिंह राठौर
उपयंत्री
जनपद बिरसिंहपुर पाली