102 वर्ष की लंबी उम्र में रामविलास मिश्र का निधन- नवीन पीढ़ी के लिए थे प्रेरणा के स्रोत

प्रकाश जयसवाल
शहडोल- संयमित दिनचर्या अध्यात्म एवं गौ सेवा के बीच रहकर अपनी स्वास्थ्य एवं उम्र को तरोताजा रखने वाले 102 वर्षीय रामविलास मिश्रा का निधन शुक्रवार कि सुबह हो गया। अंतिम सांसो पर स्वस्थ रहकर आधुनिक समाज के प्रेरणास्रोत बने रहे। श्री मिश्र लगातार अपनी दिनचर्या के प्रति संजीदगी एवं जागरूकता के लिए उदाहरण के रूप में देखे जा रहे थे श्री मिश्रा संभाग के प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं कृषक पवन मिश्रा के पिता थे। स्वर्गीय मिश्रा जी का अंतिम संस्कार कल सुबह पचगांव रोड शांति वन में सुबह 9:00 बजे किया जाएगा।
गौ सेवा एवं संयमित दिनचर्या के भरोसे शतक पार–
गौरतलब है कि संयमित दिनचर्या एवं शुद्ध वातावरण पर्यावरण के बीच अपने आप को स्थापित करने वाले श्री मिश्रा जी की उम्र 102 वर्ष ऐसे ही स्वास्थ्य पूर्ण एवं बिना किसी एलोपैथिक दवा के कट गई। इतना ही नहीं लंबे अंतराल में वह हमेशा अपने आप को स्वस्थ महसूस करते रहे वहीं इस उम्र में भी बाइक एवं साइकिल की सवारी करते रहे, हाल ही में बीते कई वर्षों से अवस्थी टाल में बने आवास में रहकर अपना कुशल एवं स्वास्थ्य पूर्ण जीवन गुजार रहे थे।
लोगों की स्वास्थ्य के लिए बने रहेंगे आइडल-
इतनी लंबी उम्र में भी बिना किसी एलोपैथिक दवा के प्राकृतिक एवं आयुर्वेद तथा संयमित दिनचर्या के भरोसे शुद्धता का प्रतीक एवं गो समूह के बीच जीवन को संयमित और स्वास्थ्य पूर्ण रखने वाले रामविलास मिश्रा से कहीं ना कहीं यूथ पीढ़ी के अलावा समाज के लोग प्रेरित होते रहे, गौरतलब है कि आने वाले समय में श्री मिश्रा लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी रहेगे।