आबादी वाले क्षेत्र से लेकर रोड के किनारे खुले में फेंक जा रहा एकत्र किया गया कूड़ा कचरा , बीमारियों का बढ़ रहा अन्देशा ,छेत्रो मे फेल रही बदबू
आबादी वाले क्षेत्र से लेकर रोड के किनारे खुले में फेंक जा रहा एकत्र किया गया कूड़ा कचरा , बीमारियों का बढ़ रहा अन्देशा ,छेत्रो मे फेल रही बदबू
कटनी! जिले में स्वच्छता अभियान के नाम पर घरों से कूड़ा उठाने का ठेका हासिल करने वाली कंपनी घरों की बजाय नाला-नालियों के कचरा भर कर उसी से हर महीने लाखों रुपये हजम कर जा रही है। शहर को साफ-सुथरा रखने के नाम पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत नगर निगम ने एमएसडब्ल्यू नामक निजी कंपनी से करार किया है। इस कंपनी को घर-घर से कूड़ा एकत्र किया जाना है। लेकिन कंपनी और उसके कर्मचारी घर-घर न पहुंच कर जहां-तहां नाले-नालियों से निकाले गए सील्ट को ही एकत्र कर अपने काम को अंजाम दे रही है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली कंपनी एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड का नगर निगम से प्रति माह करीब 30 से 40 लाख रुपये का करार है। स्वच्छता के नाम पर कूड़ा कचरा उठाने वाली कंपनी के करतूतों से लोग आजिज आ गए हैं। लोगों को इस कोरोना काल में संक्रामक बीमारियों के चपेट में आने का खतरा पैदा हो गया है। वजह है वो कंपनी जो कूड़ा कचरा एकत्र कर उसे खुले में फेंक दे रही है। इससे जहां कूड़ा फेंका जा रहा है वहां रहना तो दूर उधर से गुजरना भी मुश्किल हो गया है जानकारी के अनुसार जिले में शहर से गांव तक कूड़ा-कचरा उठाने का जिम्मा एमएसडब्ल्यू कंपनी को सौंपा गया है। इस कंपनी का काम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के तहत पूरे शहर की सफाई करना है। इसके तहत डोर टू डोर का कचरा संग्रहण कर ट्रांसफर स्टेशन में एकत्रित किया जाता है। गाड़ी में गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग लेने की प्रक्रिया होती है, लेकिन ठेकेदार की मनमानी से सूखा और गीला कचरा मिक्स करके ढोया जा रहा है। वो भी बिना ढके। एमएसडब्ल्यू कंपनी के लोग बिना तरपाल से ढके कचरा गाडियों को आबादी क्षेत्र और बाजार से होकर गुजारते हैं। इससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बन गया है। ये हाल तब है जब सरकारी स्तर से लाखों रुपया का खर्च करके ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया लेकिन संपूर्ण कचरे को रोड के किनारे खुले में फेंक दिया जा रहा है, ऐसे में ठेकेदार की मनमानी के चलते पूरे शहर में प्रदूषण फैल रहा है। नगर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर को मवेशी सडकों पर फैला रहे हैं!