रंग लाई ADGP की सक्रियता : जोन  में 18.4 % गिरा अपराधों का ग्राफ

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शहडोल। पुलिस जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी सी  सागर की सक्रियता और उनके द्वारा वर्ष भर पुलिस जोन के तमाम स्थानों और तीनों जिला मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक कार्यालय एसडीओपी कार्यालय के अलावा समय-समय पर की गई पुलिस अधिकारियों की क्राइम मीटिंग से इस वर्ष जिले के आपराधिक रिकॉर्ड में खासी कमी आई है गौरतलब है कि संभागीय मुख्यालय के अलावा संभाग के सुदूर ग्रामीण अंचलों में गंभीर वारदातों और अन्य के मामलों में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी सी सागर की सक्रियता और मौके पर तत्काल पहुंचकर समझाइस तथा अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को मार्गदर्शन देने के सार्थक नतीजे भी सामने आने लगे हैं पुलिस विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष के जो आंकड़े जारी किए गए हैं उनकी तुलना यदि बीते वर्षों से की जाए तो इस दौरान अपराधों में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
अतिरिक्त  पुलिस महानिदेशक, शहडोल जोन, डी.सी. सागर, भा.पु.से. द्वारा ज़ोनांर्गत जिला शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर में दर्ज हुए अपराधों का विश्लेषण किया गया। आंकड़ों के अध्ययन एवं विश्लेषण में पाया गया कि विगत वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में (जनवरी से नवम्बर तक) शहडोल जोन में कुल अपराधों में 18.4% की कमी दर्ज हुई है। इसी प्रकार, अन्य  अधिनियमों के तहत् दर्ज अपराधों में भी 20.8% की कमी आई है। जिला शहडोल में कुल अपराधों में 18.15%, जिला उमरिया में 5.2% तथा जिला अनूपपुर में 28.6% की कमी दर्ज हुई है। इसके साथ ही शहडोल जोन में महिला अपराधों में भी 14.5% की कमी दर्ज हुई है।
पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में समय-समय पर समस्त जिले में एक साथ स्थायी वारंटियों की सघन धरपकड़ एवं फ्लैग मार्च कराई गई, जिसका सकारात्मक प्रभाव परिलक्षित हुआ है। एडीजीपी, डीआईजी, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त  पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों द्वारा गंभीर अपराधों के घटनास्थल का त्वरित निरीक्षण किया गया, गंभीरता से अपराधों का सतत् पर्यवेक्षण एवं विवेचना हेतु समुचित निर्देश दिए गए, जिसके कारण अपराधों के नियंत्रण में सफलता हासिल हुई है।एडीजीपी, डीआईजी, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों द्वारा टीम भावना के साथ विभिन्न थाना क्षेत्रों में फ्लैग मार्च, रूट मार्च, ग्रामीण एवं शहरी गस्त, रात्रि गस्त, दिवस गस्त कराई गई और गुण्डा, बदमाश एवं असामाजिक तत्वों के विरुद्ध प्रभावी प्रतिबंधक कार्यवाही की गई है, इसके कारण भी अपराधों में कमी आई है।शीर्षवार अपराधों में हत्या्, हत्या  का प्रयास, डकैती, लूट, गृहभेदन, साधारण चोरी, वाहन चोरी, पशु चोरी, बलवा, चेन स्नेचिंग, आत्महत्या का दुष्प्रेरण, दहेज मृत्यु,, दहेज प्रताड़ना आदि में कमी आई है। जबकि कुछ शीर्ष के अपराधों में वृद्धि भी दर्ज हुई है, जिसके लिए पुलिस अधीक्षकों को अपराधों की समीक्षा कर कमी लाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजीपी शहडोल जोन द्वारा पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को टीम भावना से व्यवसायिक दक्षता के साथ कार्य करने के लिए समय-समय पर प्रेरक समझाईश एवं उद्बोधन दिया गया और देशभक्ति एवं जनसेवा की भावना से कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया गया, वह भी इस परिणाम के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।

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