जीव और ईश्वर ऐसे मिल जाएं जैसे पानी में शक्कर: कथा व्यास

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भागवत में माखन चोरी लीला और गोवर्धन पूजन आज

जैतपुर। जो मनुष्य श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करता है तो, उसे जीवन में कलयुग से प्रभावित नहीं होना पड़ता है। भागवत कथा सुनने वाले मनुष्यों के जीवन से पाप क्षीर्ण हो जाते हैं और मनुष्य अनावृत्तीय प्रवृत्तियों से दूर हटकर सदाचार की ओर बढ़ते हैं। यह बात मां सिंहवाहिनी देवी प्रांगण भटिया में कथा व्यास पूज्या रश्मि मिश्रा (श्रीधाम वृन्दावन) ने श्रद्धालुओं से कहीं। कथा व्यास रश्मि मिश्रा ने कहा कि कलयुग में मनुष्य को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा सुनने से मनुष्य के जीवन में धर्म का प्रसार होता है और बुराईयों का नाश होता है। जो मनुष्य भावुक नहीं है,जो रसिक नहीं है वह भागवत सुनने का अधिकारी नहीं है। रसिक का मतलब यह नही है कि आप श्रृंगार करके सखी बाबा बन जाए, बल्कि रसिक का मतलब है कि जीव और ईश्वर में ऐसे मिल जाएं जैसे पानी में शक्कर घोलने से मिल जाती है। उन्होंने कहा कि वेद, शास्त्र,पुराण, संत, गौ माता, ब्राह्मण, भागवत चरित्र इन में कोई व्यक्ति श्रद्धा नहीं रखता तो उसे भावुक नहीं कह सकते और जो वेद,शास्त्र इनमें श्रद्धा रखता है तो उसे भागवत रस अच्छा लगने लगता है।
कथा सुनने से मिलता है मोक्ष
श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए प्रभु राम व कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। कथा व्यास पूज्या रश्मि मिश्रा ने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जन्म जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है। कथा व्यास ने अयोध्या में जन्मे भगवान श्री राम की कथा सुनाई इसमें बताया कि राजा दशरथ महारानी कौशल्या के घर जन्म हुआ भगवान श्री राम ने मर्यादा स्थापित कर मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाया है।
मनाया कृष्ण जन्मोत्सव
कथा व्यास ने कृष्ण जन्म की कथा सुनाई वसुदेव देवकी के बंदी गृह में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ जिसके बाद बसु देव जी ने बालक को लेकर गोकुलधाम नंद बाबा यशोदा के पास छोड़ आए और वहां कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया गया इस दौरान सभी भक्तों ने भागवत की आरती उतारी और प्रसाद का वितरण किया गया। श्रीमद् भागवत कथा में आज पांचवे दिन भगवान कृष्ण की माखन चोरी लीला और गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जायेगा, कथा व्यास द्वारा आज भागवत के माध्यम से लोगों को भगवान किस तरह से चोरी करके माखन खाते थे, इसका वर्णन किया जायेगा।

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