जनपद से सीईओ का नही छूट रहा मोह@ तबादलों के बाद कोर्ट से स्ट्रे पर है काबिज

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फर्जी बिल घोटाले की हो उच्चस्तरीय जांच

(सतीश तिवारी+91 94243 33370)
ब्यौहारी । जनपद पंचायत में पिछले लगभग पांच वर्षो से पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीईओ प्रेरणा सिंह को अपनी कुर्सी से इतना मोह है कि सरकार ने उनका अभी तक 4 बार स्थानांतरण कर चुकी है, लेकिन सीईओ हर बार सरकारी आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट से स्टे आर्डर ले आती हैं। आखिर लोगों को समझ मे यह क्यों नही आता कि आखिर सीईओ को जनपद से इस लगाव की वजह क्या है? विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो जब से सीईओ यहां पदस्थ हुई है तब से ज्यादातर ग्राम पंचायतों के खातों से बिना कोई काम कराये फर्जी बिलों के आधार पर करोडों का आहरण महज कागजी खानापूर्ति कर फर्जी बिल बाउचर के आधार पर कई कई लाख की निकासी एक-एक ग्राम पंचायत से कर सचिव सरपंच पीसीओ इंजीनियर और सीईओ आपसी बंदरबांट करते है।
मनमानी की खुली छूट
ग्राम पंचायतों के फर्जी बिलों को पंचपरमेश्वर पोर्टल मे देखा जा सकता है, सीईओ के कुछ चहेते पीसीओ फर्जी फर्म के नाम पर एक ही बिल मे सभी सामग्री जैसे ईंटा , गिट्टी, बालू, सीमेंट, छड़, कम्पयुटर पार्ट, इंटरनेट पैक, स्टेशनरी सहित अन्य सामग्री फर्जी सप्लायरों से क्रय करने समेत मनरेगा सहित अन्य योजनाओं मे भारी अनियमितता और मनमानी करने की मिली खुली छूट ही इन्हें यहां से जाने नही दे रहा। सीईओ के तबादले की मांग कई बार जनपद अध्यक्ष राजेश सिंह सरपंचों और सचिवों की परेशानियों के चलते पिछली सरकार से कर चुके हैं, सीइओ का ट्रांसफर किया भी गया, मगर सीईओ हर बार सरकार और प्रशासन को चुनौती देते हुए कोर्ट का स्टे लेकर जमी हुई हैं।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
सरपंच, सचिव और जनपद अध्यक्ष से सीईओ के बीच तालमेल नहीं है, तो विकास कार्यों की हालत कैसी होगी ? जनपद में सीइओ पद पर जबरिया कब्जा किये हुए मैडम अपना एजेंडा लागू करना चाहती हैं ? इन मैडम पर विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की लिखित और मौखिक शिकायतें भी ग्रामीणों के द्वारा कलेक्टर से की गईं थीं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार और कलेक्टर को इस विषय का निराकरण करना आवश्यक होगा तथा इनके कार्यकाल मे हुए फर्जी बिल घोटाले की भी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग जनपद अध्यक्ष सहित यहां के प्रबुद्ध जागरूक नागरिकों ने की है।

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