प्रबंधन कोयला उत्पादन छोड स्वहित के कामों मे दे रहे विशेष ध्यान

Ajay Namdev-6269263787
अनूपपुर। कोयलांचल क्षेत्र जमुना-कोतमा में विगत कुछ माह से प्रबंधन की कुनीतियों का इस कदर शिकार है कि कोयला उत्पादन मे वृद्धि करने के प्रयास मे जोर देने की बजाय अपने निजी हित साधने मे पूरा ध्यान और प्रयास किया जा रहा है, अन्यथा ओसीएम मे 20 दिनो से एक शावेल मशीन बिना काम के खडा रखा गया है। ओबी के उत्खनन कार्य मे कार्यरत निजी ठेका कंपनी द्वारा प्रतिदिन और मासिक ओबी उत्पादन लक्ष्य से कम ओ बी हटाया जा रहा है। मुख्यालय से जारी आदेश मे उक्त ठेका कंपनी से पैनाल्टी काटे जाने के आदेश के बावजूद आज तक एक रूपये नही काटा गया।
घाटे के बाद भी उच्च अधिकारियों ने साधी चुप्पी
क्षेत्र कई सौ करोड के घाटे मे चल रहा है किंतु कोई भी उच्च अधिकारी इस विषय मे ठोस कदम नही उठा रहे हैं सब केवल अपने कार्यकाल और भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से निजी लाभ पर केन्द्रित होकर कई लाख का मासिक वेतन और लाखों की सुविधाये कंपनी से लेकर अपने पद का दुरूपयोग कर रहे हैं कंपनी के आवासों मे डीसेंट हाऊसिंग के द्वारा सिविल काम के बाद भी जर्जर हैं, करोडों रूपये पीने योग्य पानी के नाम पर खर्च होने के बाद भी शुद्ध पानी को तरसता है, समूचा क्षेत्र के प्रत्येक आवास मे बारिश के पानी से रिसाव हो रहा है।
सांठगांठ के साथ बिल हो रहे पास
लाख रूपये गत वर्ष से बिटुमन छतों मे लगाने का टेंडर के माध्यम से आवांटित होते हुये भी ठेकेदार से काम नही लिया जा रहा है ऊपर से ठेकेदार का कुछ बिल भी पास कर भुगतान कर दिये गये क्षेत्र के आज प्रत्येक आवास के छतों मे श्रमिक बरसाती पन्नी लगाकर रह रहा है क्षेत्र की और प्रबंधन की इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकता हैं। यह दूर्दशा महारत्न कंपनी के जमुना-कोतमा क्षेत्र के श्रमिकों का है आखिर वजह क्या है, हर श्रमिक जनता और कहता है सिर्फ प्रबंधन की भ्रष्ट नीतिया जिम्मेवार हैं किंतु प्रबंधन के कान मे जू तक नही रेंग रहा है।