दिव्यांग छात्रावास में बजट चाहिए तो एमआरसी विनय मिश्रा को देनी होगी रिश्वत

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Shrisitaram patel – 9977922638

मर चुकी मानवता: भ्रष्टाचारियों के हाथ में दिव्यांग छात्रावास का सरोकार

जिला दिव्यांग छात्रावास की अधीक्षिका ने कलेक्टर से की शिकायत

एमआरसी विनय मिश्रा ने मांगा रिश्वत, साक्ष्य होने के बाद भी नही हुई कार्यवाही

बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों को शिक्षा और देखभाल करने के लिए जिस दिव्यांग छात्रावास का संचालन किया जा रहा है, वहां अधिकारी-कर्मचारी खुद अपने देखभाल का जुगाड बना रहे है। छात्रावास संचालन हेतु भोपाल से आने वाली राशि दिव्यांगों तक पहुंचने से पहले ही बंदरबांट करने की योजना बना रहे कर्मचारी विनय मिश्रा की शिकायत कलेक्टर से की गई, किंतु अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है।

अनूपपुर। देश और प्रदेश में एक तरफ जहां सरकारें दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, परंतु दिव्यांगों तक पहुंचने से पहले ही भ्रष्टाचारियों का जमीर मर जाता है और दिव्यांगों को विनाश के रास्ते में छोड अपने विकास की तैयारी करने लगते है। जिला मुख्यालय में संचालित एक मात्र दिव्यांग छात्रावास का हाल भी कुछ इसी तरह से जिम्मेदार अधिकार व कर्मचारियों ने कर दिया गया। एक अधीक्षिका के भरोसे दिव्यांग छात्रावास का संचालन किया तो जा रहा है, जहां बजट की आवश्यकता है, बजट की मांग व अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग अधीक्षिका के द्वारा की जाती है तो जिम्मेदार कर्मचारी एमआरसी विनम मिश्रा पहले रिश्वत की मांग करते है, उसके बाद दिव्यांगों की फाइल आगे बढाने की बात करते है।

कलेक्टर से हुई रिश्वत मांगने की शिकायत

दिव्यांग छात्रावास की वार्डन नंदिन पटेल ने 13 सितंबर 2024 को कलेक्टर से शिकायत करते हुए पत्र लिखा कि कलेक्टर के आदेशानुसार एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशानुसार सीडब्ल्यएसएन छात्रावास का संचालन 01 जुलाई 2024 से करने का आदेश प्राप्त हुआ था कि किन्तु विनय मिश्रा (एमआरसी जैतहरी) द्वारा मना कर दिया गया कि छात्रावास का संचालन विभाग द्वारा नहीं कराया जायेगा, एनजीओ से करायेंगे, जबकि छात्रावास संचालन हेतु मैने साफ-सफाई, मरम्मत आदि का कार्य प्रारंभ कर दिया था। एमआरसी जैतहरी द्वारा पिछले सत्र में पैसों की माँग की गई थी एवं बार-बार राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के नाम से पैसों की माँग की जा रही, कि अगर मेरे द्वारा पैसा नहीं दिया गया तो बजट प्राप्त नहीं होगा। जिसका प्रमाण मेरे पास उपलब्धप है। वर्तमान पत्र 2024-25 में पुन: इनके द्वारा (विनय मिश्रा एमआरसी जैतहरी) बार-बार पैसों की माँग की जा रही है। मना करने पर धमकी दी जा रही है कि आपको अधीक्षिका के पद से हटवाकर एनजीओ से छात्रावास का संचालन करवायेंगे। दिनांक 12 अगस्त 2024 को छात्रावास में उपस्थित होकर इनके द्वारा विवाद किया जा रहा था। उनके इस कृत्य से मैं बहुत दुखी एवं परेशान हूँ। जिसकी मौखिक शिकायत जिला परियोजना समन्वयक से की गई। उनके द्वारा कहा गया कि हम उन्हें हटा देंगे। परन्तु आज तक उन पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। अधीक्षिका ने न्यायप्रिय कलेक्टर हर्षल पंचोली से शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की है।

स्वंय सेवी संस्था ने किया कलेक्टर के आदेश की अवहेलना

कलेक्टर ने 3 अक्टूबर 2024 को आदेश जारी करते हुए सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास का संचालन के लिए स्वयं सेवी संस्था सुंदरवती शिक्षा एवं सेवा समिति अमिलई जिला सीधी को दायित्व दिया गया है। परंतु अभी तक न तो संस्था का पता है और नही कोई अधिकारी देख-रेख के लिए पहुंचते है। गौरतलब हो कि संस्था को अनुबंध पत्र की शर्तो व दिशा-निर्देशों के तहत् अनुबंध संपादित कर सामग्री एवं आवश्यक प्रभार प्राप्त करते हुए समय-समय पर राज्य शिक्षा केन्द्र से प्राप्त निर्देशानुसार छात्रावास का संचालन करना था, लेकिन स्वयं सेवी संस्था के द्वारा दिव्यांग छात्रावास पहुंच कर प्रभार प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों से दस्तावेज रिसीव लिया और लापता हो गये। अभी भी अधीक्षिका के भरोसे दिव्यांग छात्रावास का संचालन किया जा रहा है।

कौन है एमआरसी विनय मिश्रा?

दिव्यांग बच्चों घर-घर जाकर शिक्षा देने व सलाह देने के लिए मोबाइल स्त्रोत सलाहकार के रूप में विनय मिश्रा की पदस्थापना हुई है। लेकिन ये कभी किसी का फोन ही नही रिसीव करते है, कुल मिलाकर जुगाड के दम पर वर्तमान में एपीसी बन कर अधीक्षिकों को धमकाने और रिश्वत मांगने का कार्य कर रहे है। सूत्रों के अनुसार जिस पद पर विनय मिश्रा बने हुए है, उनके पास पात्रता नही है, लेकिन रहमो करम से दिव्यांगों के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। फिलहाल विनय मिश्रा की जांच व कार्यवाही आवश्यक है, नही तो दिव्यांगों के जीवन के साथ जिस तरह से खिलवाड किया जा रहा है, उसे भगवान भी मांफ नही कर पायेंगे।

इनका कहना है

मुझसे एमआरसी विनय मिश्रा के द्वारा बार-बार पैसों की मांग की जाती है, जिसके साक्ष्य में मेरे पास मौजूद है, मैने कलेक्टर सर को शिकायत देकर कार्यवाही की मांग की है।

नंदिनी पटेल, वार्डन

दिव्यांग छात्रावास अनूपपुर

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मुझे जानकारी उपलब्ध करा दीजिए, मैं इस पर जांच के निर्देश देता हूं।

हर्षल पंचोली, कलेक्टर अनूपपुर

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