अस्पताल के सरकारी आवासों पर गैरों का कब्जा

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मामला जयसिंहनगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के आवासीय परिसर का

(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। जिले के जयसिंहनगर विकास खण्ड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा तैयार किये गये शासकीय आवासों को अपात्रों ने अपने कब्जे में लिया हुआ है, वहीं खबर है कि पात्रता रखने वाले भाड़े के मकानों पर रह रहे हैं, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के स्थाई कर्मचारियों द्वारा पूर्व में भी दर्जनों शिकायतें व आवेदन किये गये हैं, लेकिन इसके बाद भी ब्लाक के चिकित्सा अधिकारी ने इस संबंध में कोई कार्यवाही नही की और अपनी मनमानी जारी रखी।
नौकरी शिवपुरी में आवास यहां
खबर है कि दूसरे जिले में नौकरी करने वाले स्वास्थ्य विभाग के महिला कर्मचारियों को बीएमओं ने यहां आवास आवंटित कर रखे हैं, शिवपुरी जिले में कार्यरत महिला कर्मचारी के द्वारा बिना पात्रता के ही यहां के आवास पर कब्जा किया गया है, इस संबंध में अन्य कर्मचारियों ने मौखिक तौर पर बीएमओ सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी अवगत कराया है, लेकिन आवास खाली कराने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई।
भाड़े पर भी उपलब्ध आवास
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित कर्मचारियों के लिए बनाये गये आवासों को विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने आय का जरिया बनाया हुआ है, खबर है कि अपात्रों को नियमों के विपरीत जाकर आवास दिये गये हैं और उनसे मासिक भाड़ा लिया जाता है, यही नहीं आवास के साथ ही मुफ्त, पानी, बिजली व मरम्मत सहित साफ-सफाई की सुविधा भी शासकीय खर्चे पर उपलब्ध है।
अर्से से जमें हैं बीएमओ
बीते कई वर्षाे से बीएमओ यहां पर पदस्थ है, स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों की चरण वंदना व आर्थिक सेवा कर यहां खुलकर मनमानी की जा रही है, कथित चिकित्सा अधिकारी के ऊपर न तो आदर्श आचार संहिता लागू होती है और न ही तीन वर्षाे से अधिक संवेदनशील पद पर बने रहने के नियम का ही कोई फर्क पड़ता है, शासन की ओर से संचालित दर्जनों योजनाओं को सिर्फ आय का जरिया बनाकर मनमाने ढंग से यहां संचालित किया जाता है, जिससे हितग्राहियों को फायदा तो दूर, उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
व्यवस्था से ज्यादा बजट की चिंता
विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पर अर्से से यह आरोप लगते रहे हैं कि उन्हें न तो चिकित्सालय की व्यवस्था व साफ-सफाई से कोई सरोकार है और न ही शासन की मंशा के अनुरूप यहां आने वाले मरीजों व प्रसुताओं को होने वाली परेशानियों से, एक लंबे समय से अस्पताल में दवाओं को टोटा तो हैं ही, मरीजों को छोटी- छोटी जांचे बाहर से करवानी पड़ती है, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित ब्लाक के अन्य उपस्वास्थ्य केन्द्रों में दलाली और मेडिकल रिप्रजेन्टिव का जमावड़ा लगा रहता है, मरीजों को टिटनिस के इंजेक्शन से लेकर सिरिंज तक बाहर स्थित सेटिंग वाले दवा दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है।

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