खादी ग्रामों उद्योग से निकला घोटाले का जिन्न बाहर

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एफआईआर के लिए जांच रिपोर्ट पहुंची कोतवाली

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए घोटाले बोतलों में बंद जिन्न की तरह एक-एक कर सामने आ रहे हैं, जिला पंचायत अंतर्गत संचालित खादी ग्रामोंउद्योग के माध्यम से बेरोजगारों को अनुदान देकर स्वरोजगार दिलाने की योजना में जिंप में बैठे तात्कालीन उप संचालक सालिक राम कोली पिता नन्नूलाल कोरी उम्र 56 वर्ष व अन्य अधिकारियों ने बैंक प्रबंधन के साथ मिलकर दर्जनों बेरोजगारों को मिलने वाली डेढ़-डेढ़ लाख रूपये की अनुदान राशि गबन कर ली, मामले की शिकायत के बाद जब उसकी जांच हुई तो भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर निकलकर आ गया। फिलहाल खादी ग्रामो उद्योग के वर्तमान प्रबंधक आर.डी. सिद्दकी ने 23 फरवरी को कोतवाली प्रभारी को 98 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज सौंपते हुए कथित आरोपियों के खिलाफ अनुदान की राशि व्यक्तिगत खातों में डालकर आहरित करने, गबन व दुरूपयोग करने से संदर्भित आपराधिक मामला कायम करने हेतु विभागीय पत्र भेजा है।
इस तरह होती है प्रक्रिया
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत उद्योग व स्वरोजगार हेतु खादी ग्रामों उद्योग द्वारा एमपी ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें आवेदक समस्त दस्तावेज संलग्न कर ऑनलाईन आवेदन करते हैं, प्राप्त आवेदनों का परीक्षण और जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स कमेटी प्राप्त आवेदनों पर विचार कर उन्हें स्वीकृति देती है, आवेदकों से हार्ड कॉपी मंगाई जाती है और प्रकरण बैंकों में भेजे जाते हैं, इसके बाद जब बैंक प्रकरण स्वीकृत करता है तो 15 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक की अनुदान राशि बैंक द्वारा मांग किये जाने पर संबंधित राशि कथित बैंक में भेजी जाती है, जिसे बैंक हितग्राही के खाते में अंत में समायोजित करती है।
…और इस तरह किया गबन
खादी ग्रामोउद्योग के कथित उपसंचालक द्वारा तत् समय जयसिंहनगर व गोहपारू की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बैंको में आये विभिन्न आवेदकों के ऋण अस्वीकृत कर इसकी जानकारी खादी ग्राम उद्योग में भेज दी गई, लेकिन यहां बैठे उपसंचालक ने ऋण स्वीकृत होने के बाद अनुदान की राशि वापस विभाग को न तो भेजी और न ही इसकी सूचना दी, यही नहीं इनके द्वारा उक्त राशि गबन करने के उद्देश्य से फर्जी खाते खुलवा लिये गये और अनुदान की राशि बैंकों में सांठ-गांठ कर आहरित कर ली।
दर्जनों हुए धोखाधड़ी के शिकार
खादी ग्रामो उद्योग द्वारा भेजी गई 98 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट में जिन हितग्राहियों का उल्लेख किया गया है, उसमें जयसिंहनगर के गिरूईबड़ी में रहने वाले मोहित सिंह पिता कामता सिंह को टेंट हाऊस को स्वीकृत हुए लोन के अनुदान के डेढ़ लाख रूपये की राशि, जयसिंहनगर के ही मुंहडोला के संतोष सिंह पिता राम सिंह के अनुदान की डेढ़ लाख, बसोहरा के प्रमोद पिता रामखेलावन के अलावा यही के जगन्नाथ पिता महेश सिंह की भी डेढ़-डेढ़ लाख की अनुदान की राशि गबन में शामिल है। इन चारों शिकायतकर्ताओं के अनुदान की राशि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया,कनाड़ी खुर्द भेजी गई थी, उक्त मामले में जब बैंक से जानकारी चाही गई तो यह तथ्य सामने आई कि बैंक ने ऋण स्वीकार ही नहीं किया और न ही सबसीडी क्लेम किया है, व्यक्तिगत खातों में भेजी गई सबसीडी के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है।
गोहपारू और जयसिंहनगर में भी धोखाधड़ी
ग्राम सकरिया में रहने वाले अखिलेश कुशवाहा पिता बैजनाथ कुशवाहा तथा ग्राम पैलवाह निवासी सुरेश ङ्क्षसह पिता गोविंद सिंह की भी अनुदान की राशि इसी तरह गबन कर ली गई, इसी तरह बिसाहूलाल यादव की डेढ़ लाख रूपये की राशि गबन की गई, सभी राशियां विकास शुक्ला पिता जगन्नाथ शुक्ला के नाम के व्यक्तिगत खाते में भेजकर आहरित की गई, ये सब गड़बड़झाला सेंट्रल बैंक की गोहपारू व जयसिंहनगर की शाखा में संपन्न हुआ।
जयसिंहनगर की एसबीआई भी शामिल
जयसिंहनगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में हेमराज सिंह गोड़ पिता राम प्रसाद गोड़ के साथ राजेन्द्र सिंह पिता गिरजा प्रसाद, रामनरेश केवट पिता रामकुमार केवट, नानभाई पिता रामगोपाल, पुष्पेन्द्र सिंह पिता दशरथ, सुखमंती पिता चमरू सभी के 5-5 लाख रूपये की राशि ऋण के रूप में स्वीकृत हुई थी, अन्य हितग्राहियों के जैसे इनको मिले अनुदान के साथ गड़बड़झाला किया गया, जिसकी जांच अभी बैंक द्वारा जानकारी न देने के कारण लंबित पड़ी है।

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